Noida News: डीएम मनीष वर्मा की अध्यक्षता में पर्यावरण संरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न, ‘सार्वजनिक स्थलों की पहचान करें पौधारोपण’

Noida News:  जिला कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में जिला पर्यावरण समिति, वृक्षारोपण समिति, जिला गंगा समिति एवं जिला वेटलैंड समिति की संयुक्त बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में पर्यावरणीय संतुलन, जल स्रोतों की सुरक्षा, वृक्षारोपण, तालाबों के सौंदर्यीकरण और गंगा संरक्षण से जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में प्रभागीय वन अधिकारी पी.के. श्रीवास्तव ने अब तक की गई कार्यवाही की जानकारी दी। जिलाधिकारी ने वृक्षारोपण कार्यों की शत-प्रतिशत जियो टैगिंग कराने का निर्देश दिया, ताकि निगरानी और पारदर्शिता बनी रहे। उन्होंने पूर्व में लगाए गए पौधों की ट्रैकिंग व्यवस्था सुनिश्चित करने और उनके संरक्षण की जिम्मेदारी तय करने को कहा। साथ ही उन्होंने सार्वजनिक स्थलों की पहचान कर वृक्षारोपण में विद्यालयों और स्वयंसेवी संगठनों की भागीदारी बढ़ाने पर बल दिया। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी विद्यानाथ शुक्ल, अपर जिलाधिकारी प्रशासन मंगलेश दुबे, जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. धर्मवीर सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी वीरेंद्र सिंह, जिला विकास अधिकारी शिव प्रताप परमेश, भूगर्भ जल संरक्षण अधिकारी अंकित राय सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
‘ग्रीन सप्ताह’ और ‘हरित चौपाल’ की पहल
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि हर शुक्रवार को ‘ग्रीन सप्ताह’ मनाया जाए, जिसमें विद्यालयों, पंचायतों, कार्यालयों और सार्वजनिक स्थलों पर वृक्षारोपण, पर्यावरण शिक्षा, कचरा प्रबंधन और जागरूकता गतिविधियाँ चलाई जाएं। उन्होंने हर माह ‘हरित चौपाल’ आयोजित करने के निर्देश भी दिए, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन, प्लास्टिक अपशिष्ट नियंत्रण और पर्यावरणीय संतुलन पर संवाद स्थापित किया जा सके।
गंगा संरक्षण और तट सौंदर्यीकरण पर फोकस
जिला गंगा समिति की बैठक में नदियों के किनारे वृक्षारोपण हेतु उपयुक्त स्थलों के चिन्हांकन की बात कही गई। साथ ही नदियों में गिरने वाले अपशिष्टों की रोकथाम, सहायक नदियों के किनारे अतिक्रमण हटाने और जैव विविधता की बहाली हेतु योजनाबद्ध वृक्षारोपण पर विशेष बल दिया गया।
वेटलैंड और तालाबों का सौंदर्यीकरण
वेटलैंड समिति की चर्चा में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि सभी विकासखंडों और नगरीय निकायों से तालाबों की सौंदर्यकरण रिपोर्ट समयबद्ध रूप से प्रस्तुत की जाए। उन्होंने इन जलाशयों को पर्यावरणीय शिक्षा, जैव विविधता अध्ययन और ग्रामीण पर्यटन के केंद्रों के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया। तालाबों की घेराबंदी, सफाई और प्रकाश व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान देने को कहा गया।
मानसून को लेकर विशेष सतर्कता के निर्देश
जिलाधिकारी ने वर्षा ऋतु को ध्यान में रखते हुए जलभराव, सड़कों के गड्ढे और संचारी रोगों की रोकथाम के लिए विशेष सतर्कता बरतने को कहा। उन्होंने नालों की नियमित सफाई और निगरानी कराने तथा एनजीटी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

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