क्या आप जानते है,नोएडा की स्थापना कब और कैसे हुई, स्वच्छता में नम्बर वन, अब गोल्डन सिटी में शुमार

Noida नोएडा की स्थापना को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उठते है। उसके अलावा नोएडा किस प्राकर से विकसति किया गया का लोग जवाब भी तलाशते है। दरअसल नोएडा की स्थाना 1976 में एक सुनियोजित औद्योगिक नगरी के रूप में की गई थी, ंजिसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में बढ़ती आबादी और आर्थिक गतिविधियों को समायोजित करना था। पिछले लगभग पाँच दशकों में, नोएडा ने एक छोटे औद्योगिक क्षेत्र से एक आधुनिक, हरित और तकनीकी रूप से उन्नत शहर के रूप में अपनी पहचान बनाई है। मौजूदा सीईओ लोकेश एम ने शहर को साफ सुथरा रखने में अहम भूमिका निभा रहे है।

 

  • स्थापना (1976): नोएडा को उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम, 1976 के तहत स्थापित किया गया था। इसका शुरुआती लक्ष्य दिल्ली के आसपास औद्योगिक और आवासीय विकास को बढ़ावा देना था।
  • औद्योगिक विकास: शुरुआती वर्षों में, छोटे और मध्यम आकार के उद्योगों को यहाँ आकर्षित किया गया। वस्त्र, इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में कई फैक्ट्रियां स्थापित हुईं, जिससे रोजगार के अवसर पैदा हुए।
  • बुनियादी ढांचा: इस दौरान सड़कों, बिजली, पानी और सीवरेज जैसी मूलभूत सुविधाओं का विकास किया गया, जो भविष्य के विकास की नींव बनी।

आधुनिकीकरण और विस्तार (1990s-2010s)

  • सूचना प्रौद्योगिकी (IT) हब के रूप में उभरना: 1990 के दशक के अंत और 2000 के दशक की शुरुआत में, नोएडा ने IT और IT-सक्षम सेवाओं (ITES) के क्षेत्र में तेजी से विकास किया। सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (STPI) की स्थापना ने कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों को यहाँ आकर्षित किया।
  • आवासीय और वाणिज्यिक विकास: इस अवधि में, नोएडा में कई बड़े आवासीय और वाणिज्यिक प्रोजेक्ट शुरू हुए। सेक्टर-18 जैसे बाजार NCR के प्रमुख शॉपिंग डेस्टिनेशन बन गए।
  • कनेक्टिविटी का विस्तार: दिल्ली-नोएडा-दिल्ली (DND) फ्लाईवे और दिल्ली मेट्रो का विस्तार (ब्लू लाइन) ने दिल्ली और नोएडा के बीच यात्रा को आसान बना दिया, जिससे यह एक प्रमुख उपनगर बन गया।

आधुनिक और स्मार्ट सिटी की ओर (2010s-2025)

  • मेट्रो कनेक्टिविटी का जाल: 2010 के बाद, नोएडा मेट्रो (एक्वा लाइन) और दिल्ली मेट्रो (मैजेंटा लाइन) का विस्तार हुआ, जिसने शहर के विभिन्न हिस्सों को जोड़ा और यात्रा को और सुगम बनाया।
  • अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा: जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) का विकास, जो 2025 तक आंशिक रूप से चालू होने की उम्मीद है, नोएडा की कनेक्टिविटी और आर्थिक महत्व को एक नई ऊँचाई पर ले जाएगा।
  • स्मार्ट सिटी पहल: नोएडा ने 2025 तक एक स्मार्ट शहर बनने की दिशा में कई कदम उठाए हैं, जिसमें CCTV निगरानी, स्मार्ट ट्रैफिक प्रबंधन, और ऑनलाइन नागरिक सेवाओं का विस्तार शामिल है।

स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर वन बनने का सफर

नोएडा की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक स्वच्छता सर्वेक्षण में इसकी शानदार सफलता है। यह सफलता केवल एक दिन या साल का परिणाम नहीं है, बल्कि एक सुनियोजित और दीर्घकालिक प्रयास का नतीजा है।

रणनीति और मुख्य कारक:

  1. ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Solid Waste Management):
    • डोर-टू-डोर संग्रह: नोएडा प्राधिकरण ने 100% डोर-टू-डोर कचरा संग्रह सुनिश्चित किया है, जिसमें गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग इकट्ठा किया जाता है।
    • प्रसंस्करण संयंत्र: सेक्टर-145 में एक आधुनिक अपशिष्ट-से-ऊर्जा (Waste-to-Energy) संयंत्र स्थापित किया गया है, जहाँ कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निपटान किया जाता है और उससे बिजली बनाई जाती है।
    • निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट (C&D Waste) प्रबंधन: निर्माण और विध्वंस से निकलने वाले कचरे के लिए अलग से संयंत्र स्थापित किए गए हैं, जहाँ इसे पुनर्चक्रित करके टाइल्स और अन्य निर्माण सामग्री बनाई जाती है।
  2. खुले में शौच मुक्त (ODF) स्थिति:
    • नोएडा को खुले में शौच मुक्त (ODF) शहर घोषित किया गया है। सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण और रखरखाव उच्च मानकों पर किया जाता है, जिससे स्वच्छता बनी रहती है।
  3. जागरूकता अभियान:
    • प्राधिकरण ने नागरिकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए व्यापक अभियान चलाए हैं, जिसमें स्कूलों, आवासीय सोसाइटियों और बाजारों में कार्यशालाएं और रैलियां शामिल हैं।
    • स्वच्छता ऐप और शिकायत निवारण तंत्र ने नागरिकों को अपनी शिकायतों को सीधे अधिकारियों तक पहुँचाने में मदद की है।
  4. सौंदर्यीकरण और हरित पहल:
    • शहर में पार्कों, ग्रीन बेल्टों और सड़कों के किनारे बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया गया है, जिससे यह एक हरित शहर बन गया है।
    • दीवारों पर सुंदर पेंटिंग और कलाकृतियों ने शहर की सुंदरता को बढ़ाया है, जिससे लोगों में अपने शहर को साफ रखने की भावना पैदा हुई है।

इन सभी प्रयासों के कारण, नोएडा ने स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार बेहतर प्रदर्शन किया है और 2025 तक स्वच्छता के मानकों में शीर्ष स्थानों में से एक हासिल किया है, जिससे यह भारत के सबसे स्वच्छ और रहने योग्य शहरों में से एक बन गया है।

नोएडा की विशिष्ट खूबियां (Unique Features of Noida)

  1. सुनियोजित इंफ्रास्ट्रक्चर: नोएडा भारत के उन गिने-चुने शहरों में से एक है जिसका विकास पूरी तरह से योजनाबद्ध तरीके से किया गया है। यहाँ की चौड़ी सड़कें, सेक्टर-आधारित लेआउट और भूमि उपयोग का स्पष्ट विभाजन इसे अन्य शहरों से अलग करता है।
  2. हरियाली और पर्यावरण: नोएडा को भारत के सबसे हरे-भरे शहरों में से एक माना जाता है। यहाँ के विस्तृत पार्क (जैसे बॉटनिकल गार्डन), गोल्फ कोर्स और सड़कों के किनारे की हरियाली इसे एक स्वस्थ और प्रदूषण मुक्त वातावरण प्रदान करती है।
  3. आर्थिक और व्यावसायिक केंद्र:
    • IT और इलेक्ट्रॉनिक्स हब: नोएडा भारत का दूसरा सबसे बड़ा IT हब है। यहाँ Google, Microsoft, Adobe और HCL जैसी कई बड़ी तकनीकी कंपनियाँ स्थित हैं।
    • मीडिया और मनोरंजन: फिल्म सिटी के रूप में, नोएडा कई बड़े मीडिया घरानों और समाचार चैनलों का केंद्र है।
  4. शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं:
    • शिक्षा: यहाँ कई प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान हैं, जैसे एमिटी यूनिवर्सिटी, शिव नाडर यूनिवर्सिटी और विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेज।
    • स्वास्थ्य: फोर्टिस, कैलाश हॉस्पिटल और मैक्स जैसे कई उच्च-स्तरीय अस्पताल यहाँ स्थित हैं, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की चिकित्सा सेवाएं प्रदान करते हैं।
  5. मनोरंजन और जीवनशैली:
    • शॉपिंग और रिटेल: डीएलएफ मॉल ऑफ इंडिया, जीआईपी (The Great India Place) और सेक्टर-18 मार्केट जैसे बड़े शॉपिंग मॉल और बाजार इसे एक शॉपिंग पैराडाइज बनाते हैं।
    • खेल सुविधाएं: नोएडा में कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल स्टेडियम, गोल्फ कोर्स और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स हैं, जो खेल प्रेमियों को आकर्षित करते हैं।

संक्षेप में, नोएडा ने अपनी स्थापना के बाद से एक लंबा सफर तय किया है। एक औद्योगिक शहर से एक आधुनिक, तकनीकी रूप से उन्नत और स्वच्छ शहर तक का इसका परिवर्तन, इसकी सुनियोजित विकास नीतियों और नागरिकों की सक्रिय भागीदारी का प्रमाण है। 2025 तक, यह भारत के सबसे जीवंत और प्रगतिशील शहरों में से एक के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत कर रहा है।

 

यह भी पढ़ें: टैब वितरण घोटाले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर की जाए कड़ी कार्रवाई: कुमारी सैलजा

यहां से शेयर करें