यह फैसला सोसायटी, स्कूल, होटल और निजी संस्थानों में संचालित स्विमिंग पूल, जिम तथा अकादमियों पर लागू होगा। प्रभारी जिला खेल अधिकारी डॉ. परवेज अली ने बताया कि रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ एनओसी लेना भी अनिवार्य है। बैठक में डीएम, एडीएम (वित्त एवं राजस्व) की अध्यक्षता में यह बदलाव स्वीकृत किया गया। मुख्य उद्देश्य नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना है, खासकर सुरक्षा मानकों और सुविधाओं का।
नियम उल्लंघन पर सख्ती क्यों?
प्रशासन लंबे समय से ऐसे संस्थानों पर नजर रखे हुए है जो बिना रजिस्ट्रेशन संचालित हो रहे हैं। आवश्यक सुविधाएं जैसे महिला कोच, लाइफगार्ड, सुरक्षा उपकरण और आपातकालीन व्यवस्था का अभाव कई जगहों पर पाया गया है। फरवरी 2025 में कई जिम और स्विमिंग पूल ने महिला स्टाफ नियुक्त कर अपना लाइसेंस रिन्यू कराया था। मई 2025 में अवैध क्रिकेट अकादमियों और फिटनेस सेंटर्स पर छापेमारी भी हुई थी। हाल ही में बिना पंजीकरण वाली खेल अकादमियों, जिम और पूल पर कार्रवाई की तैयारी की खबरें भी आई हैं।
इस बढ़ोतरी से प्रशासन को उम्मीद है कि संस्थान नियमों का पालन करेंगे और सुरक्षा मानक बेहतर होंगे। बिना रजिस्ट्रेशन या जरूरी सुविधाओं वाले संस्थानों पर अब कड़ी कार्रवाई होगी।

यूजर्स पर असर?
सीधे तौर पर यह फीस संस्थान संचालकों की है, लेकिन बढ़ते खर्च का कुछ बोझ सदस्यों या यूजर्स पर पड़ सकता है। फिटनेस प्रेमियों को नए साल में सदस्यता शुल्क में मामूली बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
प्रशासन का जोर खिलाड़ियों और आम लोगों की सुरक्षा पर है, ताकि फिटनेस सुविधाएं सुरक्षित और मानकयुक्त रहें। इस फैसले से जिले में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत बनाने की दिशा में कदम उठाया गया है।

