Noida: नोएडा के सेक्टर-82 स्थित उद्योग विहार सोसाइटी में घपला सामने आया है। निवर्तमान अध्यक्ष ने पूर्व अध्यक्ष, महासचिव, कोषाध्यक्ष समेत पांच लोगों पर सोसाइटी के फंड में फर्जीवाड़ा कर धन के गबन का आरोप लगाया है। थाना फेज-2 कोर्ट के आदेश पर संबंधित धाराओं में में मुकदमा भी दर्ज कराया। हालांकि, पूर्व अध्यक्ष ने तत्कालीन कार्यकारिणी पर लगाए आरोपों को पूरी निराधार बताया।
बता दें कि सोसाइटी में रहने वाले सुशील कुमार शर्मा ने न्यायालय में दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि वह 17 अक्तूबर 2021 को आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष चुने गए थे। वर्तमान में कार्यकारिणी भंग है। उन्होंने बताया कि उस दौरान वर्ष 2012 से 2021 तक अध्यक्ष रहे योगेश शर्मा, पूर्व महासचिव अजय चैरसिया, पूर्व कोषाध्यक्ष सुभाष नेगी, पूर्व सदस्य रंजन सोसाइटी के पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ। दो-तीन पन्नों पर हाथ से लिखे हिसाब किताब के प्रपत्र, बाउचर और सीए से प्रमाणित ऑडिटेड बेलेंसशीट की प्रतियां सौंपी थीं। उन्होंने बताया कि पूर्व कार्यकारिणी से मिले लेखा-जोखा का टेली में एंट्री करने पर पता चला कि सोसाइटी का कूड़ा एकत्र करने वाली कंपनी को आरडब्ल्यूए द्वारा 15,930 रुपये प्रतिमाह का भुगतान किया जाता था। इसके संबंध में सोसाइटी के खाते से चेक के माध्यम से भुगतान किया गया। इसके अलावा दोबारा भुगतान नकदध्कैश के द्वारा सोसाइटी के बाउचर से भी किया गया। आरोप है कि इसी प्रकार सोसाइटी के जीने पर मकान नंबर प्रदर्शित करने के लिए बोर्ड लगाए गए थे। जिनका भुगतान भी चेक और कैश के द्वारा दो बार किया गया। ऑडिट के दौरान यह पर्दाफाश हुआ। शिकायतकर्ता का कहना है कि आरोपियों ने धोखाधड़ी से कुल गया। से 96,630 रुपये का गबन किया आरोप है कि उन्होंने जब आरोपियों इस संबंध में जवाब मांगा तो फर्जी ऑडिटेड बेलेंसशीट दी और धमकी देकर चले गए। थाना स्तर से सुनवाई न होने पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। अपने ऊपर लगे आरोपों के संबंध में पूर्व अध्यक्ष योगेश शर्मा का कहना है कि उनके कार्यकाल के दौरान कोई गबन नहीं हुआ है। उन्होंने थर्ड पार्टी से ऑडिट कराने के लिए कहा था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
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