भिखारियों का आतंक, यात्रियों की परेशानी बढ़ी

Noida City Centre Metro Station News: नोएडा के व्यस्ततम मेट्रो स्टेशनों में शुमार सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन पर भिखारियों का जमावड़ा आम राहगीरों के लिए मुसीबत बन गया है। रोजाना सैकड़ों यात्रियों को निशाना बनाकर ये भिखारी आक्रामक रवैया अपना रहे हैं, जिससे महिलाओं और बुजुर्गों में दहशत का माहौल है। क्या योगी आदित्यनाथ सरकार इस समस्या को जानबूझकर नजरअंदाज कर रही है? या इसमें प्रशासनिक मिलीभगत का हाथ है? जय हिन्द जनाब ने इस मुद्दे पर गहन जांच की, जिसमें सोशल मीडिया पोस्ट्स, स्थानीय शिकायतें और सरकारी तंत्र की रिपोर्ट्स का अध्ययन शामिल है। आइए, जानते हैं पूरी सच्चाई।

भिखारियों का बढ़ता आतंक: यात्रियों की जुबानी
सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन, जो दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन का महत्वपूर्ण हिस्सा है, नोएडा सिटी सेंटर मॉल और बस स्टैंड से सटा हुआ है। यहां रोजाना हजारों यात्री दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न हिस्सों के लिए सफर करते हैं। लेकिन हाल के दिनों में स्टेशन के बाहर भिखारियों की संख्या में इजाफा होने से हालात बेकाबू हो चुके हैं। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियोज और पोस्ट्स से साफ झलकता है कि भिखारी न सिर्फ भीख मांग रहे हैं, बल्कि यात्रियों को घेरकर धमकी दे रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर शेयर किया, “मेट्रो से उतरते ही भिखारी गले पड़ जाते हैं। महिलाओं को विशेष रूप से निशाना बनाया जा रहा है। नोएडा पुलिस कहां है?” (स्रोत: एक्स पोस्ट, 3 नवंबर 2025)।

पड़ोस के सेक्टर 51 मेट्रो स्टेशन पर भी इसी तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं। एक वीडियो में दिखा कि एक गैंग महिलाओं को घेरकर परेशान कर रहा था, जिससे राहगीरों में रोष फैल गया। नोएडा खबर डॉट कॉम ने सितंबर 2025 में रिपोर्ट किया कि सेक्टर 51 में मेट्रो के निकट अवैध गैंग्स यात्रियों को लूटने और धमकाने का काम कर रहे हैं। इसी तरह, आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर भिखारियों द्वारा एक महिला यात्री को घेरने का वीडियो वायरल हुआ, जहां पीड़िता को पैर छुड़ाने में मुश्किल हुई। हालांकि यह नोएडा से बाहर का मामला है, लेकिन एनसीआर में भिखारियों की संगठित गतिविधियों का पैटर्न यही दर्शाता है।

स्थानीय व्यापारियों से बातचीत में जय हिन्द जनाब को पता चला कि सिटी सेंटर मॉल के बाहर पहले रेहड़ी-पटरी वाले थे, जो अब हटाए जा चुके हैं। लेकिन उनकी जगह भिखारियों ने ले ली है।

एक दुकानदार ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “ये भिखारी संगठित गिरोहों से जुड़े लगते हैं। रात में यहां जमा होते हैं और सुबह से ही यात्रियों को तंग करते हैं। पुलिस आती तो है, लेकिन कार्रवाई नहीं करती है।”

योगी सरकार क्यों कर रही नजरअंदाज? मिलीभगत के आरोप
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भिखारियों पर सख्ती की कई योजनाएं चल रही हैं, लेकिन नोएडा जैसे शहरी क्षेत्रों में अमल न के बराबर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 से ही ‘भिखारी मुक्त यूपी’ अभियान की शुरुआत की थी, जिसमें भिखारियों को पुनर्वासित करने का वादा किया गया। लेकिन 2025 तक भी नोएडा-ग्रेटर नोएडा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं दिख रही। जन सुनवाई पोर्टल (IGRS) पर नोएडा जिले की शिकायत निस्तारण दर 75 जिलों में 60वें स्थान पर है, जो प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है।

नोएडा अथॉरिटी ने जून 2025 में टोल-फ्री हेल्पलाइन (14420) शुरू की, जहां सीवर, ड्रेन और स्ट्रीट लाइट जैसी शिकायतें दर्ज की जा सकती हैं। लेकिन भिखारियों या गुंडागर्दी की शिकायतों के लिए कोई विशेष सेल नहीं है। एक्स पर नोएडा पुलिस को टैग करते हुए कई यूजर्स ने शिकायत की, जैसे सेक्टर 52 मेट्रो पर ऑटो चालकों की गुंडागर्दी, लेकिन जवाब में सिर्फ ‘कार्रवाई की जाएगी’ जैसे सामान्य मैसेज आते हैं। एक पोस्ट में लिखा गया, “नोएडा ट्रैफिक पुलिस, बोटैनिकल मेट्रो के पास अवैध वाहन यात्रियों को भरकर डगमगा रही हैं। क्या कोई कार्रवाई?” (स्रोत: एक्स पोस्ट, 30 अक्टूबर 2025)।

क्या इसमें मिलीभगत है? स्थानीय स्रोतों का दावा है कि कुछ भिखारी गिरोह राजनीतिक संरक्षण में काम करते हैं, जो वोट बैंक के लिए अनदेखे रहते हैं। हालांकि, जय हिन्द जनाब को कोई ठोस सबूत नहीं मिला, लेकिन नोएडा पुलिस के कमिश्नरेट ने 2019 में IGRS शिकायतों पर खराब प्रदर्शन के कारण SHOs को चेतावनी जारी की थी। वर्तमान में, सेक्टर 59 मेट्रो के पास अवैध रेहड़ियां हटाने की कार्रवाई हुई है, लेकिन भिखारियों पर साइलेंस बरकरार है।

क्या करें आम यात्री? समाधान के उपाय
• शिकायत दर्ज करें: नोएडा पुलिस हेल्पलाइन 112 पर कॉल करें या IGRS पोर्टल (igrsup.gov.in) पर ऑनलाइन शिकायत करें। नोएडा अथॉरिटी का एक्स हैंडल (@NoidaAuthority) पर भी पोस्ट करें।

• DMRC से अपील: दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन के लिए गार्ड्स की व्यवस्था की है, लेकिन बाहरी क्षेत्रों के लिए नोएडा पुलिस पर निर्भरता है। यात्री @OfficialDMRC को टैग करें।

• सरकारी पहल: योगी सरकार को विशेष अभियान चलाना चाहिए, जैसे पटना मेट्रो में भिखारियों पर सख्ती। नोएडा में CCTV कवरेज बढ़ाकर निगरानी की जा सकती है।

जय हिन्द जनाब का मानना है कि यह समस्या सिर्फ नोएडा तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे एनसीआर की है। अगर समय रहते कार्रवाई न हुई, तो छोटी-मोटी परेशानी बड़ा हादसा बन सकती है। योगी सरकार से मांग है कि ‘शून्य सहनशीलता’ नीति को अमल में लाया जाए। क्या कहते हैं आप? अपनी राय कमेंट्स में शेयर करें।

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