Noida: नोएडा प्राधिकरण ने अलग अलग बिल्डरर्स से अपना बकाया वसूलने के लिए ठोस कदम उठाने शुरू कर दिये है। इस क्रम दो ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के 14 प्रमोटरों के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) दिल्ली में शिकायत दर्ज कर जांच को पत्र लिखा है। प्राधिकरण का आरोप है कि इन प्रमोटर ने परियोजना में जमीन लेने के बाद प्राधिकरण का बकाया नहीं जमा किया। यही नहीं फ्लैट बेचने वाले और खरीदारों का पैसा भी परियोजना में न लगाकर दूसरी जगह लगाया है। इस तरह प्राधिकरण और खरीदार दोनों इन परियोजनाओं में फंसे हैं। दोनों परियोजनाओं में प्राधिकरण का करीब 300 करोड़ का बकाया है। पहले भी कुछ परियोजनाओं में जांच की सिफारिश ईओडब्ल्यू से की जा चुकी है। डजाइन हरी चैक की जताए जा पा हलियत के तरफ बस-वे परी चीक सो ओर प्राधिकरण की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक सेक्टर-137 में शुभकामना बिल्डटेक परियोजना के लिए 2010 में 22565.77 वर्ग मीटर जमीन का आवंटन किया गया था। कब्जा भी उसी वर्ष मौके पर दे दिया गया था। लेकिन प्राधिकरण का बकाया कई नोटिस के बाद भी जमा नहीं विाया गया।
प्राधिकरण का आरोप है…
प्राधिकरण का आरोप है कि परियोजना के प्रमोटर मुकेश खुराना, दिवाकर वर्मा, कमान सिंह रोधान, हरीश कुमार, पीयूष तिवारी ने परियोजना में फ्लैट बेचकर तृतीय पक्ष के अधिकार फ्लैट खरीदारों से मिले पैसे को प्राधिकरण में जमा कर कहीं और उपयोग में लगाया गया। इससे निर्माण का भी पर हो दूरियोजना एक परियोजना में आरसी की वसूली करने के लिए लिखा पत्र नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर-76 स्थित सेठी विल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड की ग्रुप हाउसिंग परियोजना में जारी 57.65 करोड़ की आरसी की वसूली भू-राजस्व की तरह कराने के लिए जिला प्रशासन को पत्र भेजा है। प्राधिकरण की तरफ से बताया गया, बिल्डर को 9 जून 2010 को जमीन का सब लीज किया गया। इसके बाद 10 जून 2010 को लीज डोड करते हुए प्लॉट पर कब्जा दिया गया। बकाया धनराशि जमा करने के लिए नोटिस जारी किए गए। कोविड लाभ देते हुए बकाया का 25 फीसदी जमा करने के लिए सूचित किया गया लेकिन बिल्डर ने बकाया नहीं जमा करवाया। 31 दिसंबर 2023 तक बिल्डर पर कुल 57.65 करोड़ रुपए बकाया है। इस धनराशि को वसूलने के लिए आरसी जारी की गई है। इसके लिए प्राधिकरण ने जिला अधिकारी को पत्र भेजा है। गई। इसके बाद 25 अप्रैल 2012 को आवंटी को भूखंड पर कब्जा दिया गया। इस मामले में भी अवंटी को पैसा जमा करने के लिए नोटिस जारी किए गए। आरोप है कि परियोजना के प्रमोटर ईला रेड्डी सुभीर रेड्डी, टीएन चतुर्वेदी, आरमी सिन्हा, टीआर की थास और आपने परियोजना के फलेट बेचकर तृतीय पक्ष को सुजित किया।