फर्जी अकाउंट अधिकारी बनकर नोएडा प्राधिकरण के खाते से 3.90 करोड़ रुपये निकालने के मामले में पुलिस उन लोगों का पता लगा रही है जो पर्दे की पीछे रह कर इसे अंजाम दे रहे है। प्राधिकरण और बैंक के 20 कर्मचारी पुलिस के रडार पर हैं। आज शाम तक पुलिस इस मामले में कई और खुलासे करने जा रही है। पुलिस ने बैंक से पैसे निकालने वाले जालसाज अब्दुल खादर को हिरासत में ले लिया है। इस मामले में सभी संदिग्धों से लगातार पूछताछ की जा रही है। इस हाई प्रोफाइल मामले की निगरानी लखनऊ से की जा रही है।
नोएडा प्राधिकरण ने 23 जून को बैंक ऑफ इंडिया की सेक्टर-62 स्थित ब्रांच में 200 करोड़ रुपये एफडी के लिए जमा कराए थे। प्राधिकरण ने सभी कागजात बैंक को दिए, लेकिन बैंक की तरफ से एफडी नहीं की गई। इस दौरान जालसाज अब्दुल खादर ने खुद को नोएडा प्राधिकरण का अकाउंट अधिकारी बताकर 3.90 करोड़ रुपये तीन अलग-अलग अकाउंट में ट्रांसफर करा लिए थे। जहां से रकम गुजरात के 15 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर की थी। वह दोबारा 9 करोड़ रुपये ट्रांसफर कराने जा रहा था। तभी मामले का खुलासा हो गया।
यह भी पढ़े : मध्य प्रदेश का “का बा” आने पहले ही FIR , ट्विटर अकाउंट पर विवादित पोस्ट
नोएडा जोन के डीसीपी हरीश चंदर के मुताबिक इस प्रकरण में सभी पहलुओं की पड़ताल की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि जल्द ही अब्दुल खादर को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। नोएडा पुलिस की चार टीम दिल्ली-एनसीआर से लेकर गुजरात, पुडुचेरी और तमिलनाडु तक में दबिश दे रही है। पुलिस और क्राइम ब्रांच के अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। आज शाम तक इस मामले में कई अहम खुलासे हो सकते है।
अब्दुल इस हेराफेरी का केवल मोहरा या कुछ और
पुलिस जांच में पता चला है कि पूरे प्रकरण में अब्दुल सिर्फ मोहरा ही हो सकता है। इसके पीछे मास्टरमाइंड कोई और है। सरगना ने जालसाजी के लिए अब्दुल को हायर किया था। पुलिस के अुनसार सरगना बैंक या प्राधिकरण का अधिकारी भी हो सकता है। अब्दुल की गिरफ्तारी हो चुकी है और इस मामले में परतें खुल रही है।
महिला पीओ की सतर्कता से बचे 9 करोड़
बैंक अफसरों की मिलीभगत से 3.90 करोड़ के ट्रांसफर करने के बाद 9 करोड़ रुपये भी ट्रांसफर कर दिए गए थे। इस बीच बैंक की एक महिला पीओ को शक हो गया। उन्होंने जब पूरी जानकारी की तो जालसाजी की बात सामने आ गई। जिसका पता चलते ही पीओ ने तुरंत ही उन्होंने इस मोटी रकम को होल्ड कर दिया।