Noida Authority: नोएडा प्राधिकरण आज कल कई विषय को लेकर चर्चाओं में है। इसमें सबसे बड़ा मामला भ्रष्टाचार का है। सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि आपके आंख नाक कान से भ्रष्टाचार टपकता है। ईडी ने पूर्व सीईओ मोहिन्दर सिंह पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। हालांकि नोटिस के बाद भी मोहिन्दर सिंह ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए हैं। ईडी अब अन्य सीईओ के कार्यकालों को भी खंगाल रही है। जांच पड़ताल में सामने आया है कि प्राधिकरण अधिकारियों के लिए भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ। प्राधिकरण केवल भ्रष्टाचार तक ही सीमित नहीं है बल्कि भाई भतीजावाद भी हावी हैं वैसे तो प्राधिकरण में कॉन्ट्रैक्ट पर इंजीनियर्स रखे जा रहे हैं, लेकिन इन कॉन्ट्रैक्ट में भी ज़्यादातर अधिकारियों ने अपने बच्चों की नौकरी पक्की कर रखी है।
खुद रिटायर्ड हुए और अपनों को दिला गए नौकरी
यदि आप खंगालेंगे तो प्राधिकरण में करीब आधे ऐसे ही कर्मचारी मिलेंगे। जिनके परिवार में से कोई ना कोई प्राधिकरण में अच्छे पद पर रहा है और उन्हीं की कृपा से कॉन्टैक्ट की नौकरी भी मिल गई। यदि बात जेई की करें तो जेई की बड़ी संख्या कॉन्ट्रैक्ट वालों की ये मगर उन्होंने एमबी पावर दे रखी है। इसका मतलब यह हुआ कि कहाँ क्या काम हो रहा है उसकी नपाई वही कर सकते हैं। इसे से सिविल कार्य का बिल भी बनता है। इसी कराण जेई के पीछे ठेकेदार रहते हैं। ताकि नपाई में मनमानी की जा सके। हालांकि अलग अलग विभागों में काफी ऐसे क्लर्क है, जिनके परिवार में से लोग प्राधिकरण में नौकरी करते थे, लेकिन रिटायर्ड हो गए। रिटायर्ड होने से पहले उन्होंने उनकी नौकरी भी पक्की कर दी। यदि इस सब की जांच होने लगेगी तो पता चल जाएगा कि प्राधिकरण में दूसरे लोग नौकरी पर क्यों नहीं आ पाए।
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