Noida Authority ED investigation: घोटालों में पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह ने खुद को निर्दोष और इन अधिकारियों को बताया आरोपी
Noida Authority ED investigation: नोएडा प्राधिकरण में हुए घोटालों की इनफोर्समेंट डायरेक्टरेट यानी ईडी परतें खोलने के लिए पूछताछ कर रहा है। हैसिंडा भूमि घोटाले में पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह के ठिकानों पर छापेमारी के बाद सामने आई अरबों रुपये की संपत्ति के बारे में ईडी ने पूछ्ताछ की। इस दौरान पूर्व सीईओ ने घोटालों और गड़़बड़ में उनके बाद रहे कई सीईओ भी नाम ईडी को बताएं।
संपत्ति के बारे में पूछे जाने पर मोहिन्दर सिंह हुए पसीने पसीने
सूत्रों ने बताया कि जिस वक्त ईडी के अफसरों ने मोहिंदर सिंह से उनके आवास से बरामद हीरे और संपत्तियों के बारे में सवाल किया तो वे पसीने पसीने हो गए। उन्होंने अधिकारियों के सवालों पर कुछ नहीं बोला। केवल कहा कि अपने वकील से बात करने के बाद ही कोई बयान देंगे। जांच में सहयोग न करने पर मोहिन्दर सिंह को काफी समय तक ईडी ने बिठाए रखा, लेकिन रात 8रू00 बजे उन्हें जाने दिया गया। दोबारा आने की हिदायत देकर ही उन्हें छोड़ा गया है। ईडी अगली पूछ्ताछ के लिए फिर सवाल तैयार कर रहा है।
प्राधिकरण के कई सीईओ भी घोटाले में शामिल
पूर्व सीईओ मोहिन्दर सिंह ने ईडी को बताया कि हैसिंडा प्रोजेक्ट भूमि घोटाले में वे इन्वॉल्व नहीं है बल्कि उनके बाद जो भी आईएएस अफसर तैनात रहे वो शामिल हैं। 2010 में जब वो सीईओ थे तब हैसिंडा से जुड़े फैसले उन्होंने नहीं लिए। बल्कि उसके बाद ही इससे जुड़े फैसले लिए गए।
नियमों के विपरीत जाकर आवंटित हुई थी जमीन
बता दें कि हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित भूमि का 40 फ़ीसदी हिस्सा नियमों के विरुद्ध जाकर आवंटित किया गया। अगले हफ्ते ईडी के अधिकारी इस संबंध में भी जांच पड़ताल करने के लिए इससे संबधित लोगों से पूछताछ करेंगे। बताया जा रहा है कि 40 फ़ीसदी हिस्सा प्रतीक इन्फ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड के निदेशक प्रशांत कुमार तिवारी और प्रतीक तिवारी ने खरीदा था। ईडी इन दोनेां से पूछताछद की तैयारी कर रही है।
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