नोएडा प्राधिकरण हुआ कंगाल,सरकार से मांगे 15 हजार करोड़

नोएडा प्राधिकरण के अब दिन बदल गए हैं। एक जमाना हुआ करता था जब प्राधिकरण के खजाने में 10 से 15 हजार करोड़ की एफडी हुआ करती थी, लेकिन अब प्राधिकरण कंगाल हो गया है। इसकी सबसे बड़ी वजह है बिल्डर। बिल्डरों ने करीब 16 हजार करोड़ प्राधिकरण के नहीं दिए हैं। इसकी वसूली के लिए प्राधिकरण और प्रशासन ने एड़ी चोटी का जोर लगाया है। प्राधिकरण के अफसर कहते हैं कि यूपी सरकार से 15 हजार करोड मांगे हैं, अभी यूपी सरकार ने देने के लिए हरी झंडी नहीं दिखाई है। आशंका जताई जा रही है कि प्रदेश सरकार 8 से 10 हजार करोड रुपए की मदद कर सकती है। नोएडा प्राधिकरण के कई अहम प्रोजेक्ट वर्तमान में चल रहे हैं, लेकिन इन्हें पूरा करने के लिए पैसे की जरूरत होगी।

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फिलहाल प्राधिकरण के पास इतने पैसे हैं कि खर्च कम करते हुए प्रोजेक्ट पूरा किया जा सकता है। खास बात यह है कि प्राधिकरण के पास अब राजस्व के साधन भी नहीं रहे हैं। जमीन बेचने के बाद प्राधिकरण के पास जो पैसा आया अब वह दूसरे प्रोजेक्ट में जा रहा है। इसके अलावा बड़े भूखंड बचे नहीं है, जिसे बेचकर राजस्व जुटाया जा सके। इसीलिए प्राधिकरण सरकार से मदद मांग रहा है। प्राधिकरण के पास अब करीब 1 हजार करोड़ की ही एफडी बची है। ऐसा लगता है कि आने वाले समय में पैसे की कमी से प्राधिकरण मुश्किल में पड़ सकता है। मालूम हो कि नोएडा के विकास की दूसरे शहरों में मिशाल पेश की जाती है। सड़कें टूटते ही उसकी मरम्मत का कार्य शुरू हो जाता है। अलग अलग वर्क सर्किल करोड़ो रूपये के टेंडर बनाता है और शहर को चमकाने में कोई कसर नही छोड़ता।

क्या कहती हैं प्राधिकरण की सीईओ रितु महेश्वरी

नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी का कहना है कि प्राधिकरण ने सरकार से 15000 करोड़ मांगे हैं हालांकि अब इसमें संशोधन भी किया गया है। कितना पैसा मिलेगा इसका फिलहाल पता नहीं है, अगर पैसे मिलते हैं तो न्यू नोएडा के अलावा जमीन अधिग्रहण में मदद मिलेगी। शासन की ओर से न्यू नोएडा के लिए लैंड बैंक बनाने को जमीन अधिग्रहण करने के आदेश दिए गए हैं, जो आपसी सहमति से किसानों से खरीदी जाएगी।

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