Noida Airport: जेवर एयरपोर्ट से उड़ान का बढ़ा इंतजार, अब अगले साल ही यहां से शुरू हो पाएगी फ्लाइट

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Noida Airport: ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा के जेवर में निर्माणाधीन एयरपोर्ट का संचालन अब अगले साल ही शुरू होगा। यहां रनवे तैयार है, लेकिन एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) टावर और टर्मिनल बिल्डिंग में सिविल कंस्ट्रक्शन का काम पूरा नहीं हुआ है, जिसके चलते अब दिसंबर में उड़ान भरने का दावा फेल होता दिख रहा है। स एयरपोर्ट पर छह रनवे होंगे। एयरपोर्ट का काम तेजी से चल रहा है। इसका पहला रनवे लगभग तैयार हो चुका है। यह रनवे 3.9 किलोमीटर लंबा है। इसकी चौड़ाई 60 मीटर है। चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर किरण जैन ने बताया कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और अमेरिकी विमान निर्माता बोइंग ने मिलकर नोएडा एयरपोर्ट के लिए विमान के आगमन और प्रस्थान के रास्ते बनाए हैं। रनवे का निर्माण पूरा हो चुका है और अगले महीने इसके लिए लाइटें लगाई जाएंगी। इसके लिए रनवे के आसपास के लगभग 150,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में लैंडस्केपिंग का काम किया जा रहा है। दिवाली से पहले यह लाइटों से रोशन होगा। दिसंबर में इस रनवे से टेस्टिंग के लिए हवाई जहाज उड़ेंगे। छह रनवे के बाद इस एयरपोर्ट की पहचान एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट के रूप में होगी।

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नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर एक ही टर्मिनल से प्रवेश और निकासी की सुविधा मिलेगी। निर्माण में ऐसे मेटल का उपयोग किया जाएगा, जिससे कार्बन का उत्सर्जन न हो। यह पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त होगा। यहां पर डिजिटल सेवाएं मिलेंगी।

दूसरे रनवे का निर्माण 2025 से शुरू कराने की तैयारी
1334 हेक्टेयर में निर्माणाधीन पहले चरण के पहले फेज का संचालन शुरू किए जाने की कवायद है, जिसमें केवल एक रनवे से अभी संचालन शुरू होगा। दूसरे रनवे का निर्माण कंपनी 2025 से शुरू कराने की तैयारी कर रही है। पहला रनवे 3.9 किमी. लंबा बनाया गया है।

यह है वर्क प्रोग्रेस रिपोर्ट
दो एयरलाइंस से समझौते : इंडिगो और अकासा एयरलाइंस के साथ समझौतापत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। नेटवर्क प्लानिंग और ऑपरेशनल आवश्यकताओं पर बात जारी है। अन्य घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कैरियर्स की गहरी रुचि दिखाई दे रही है।
रियायतें देने के लिए हस्ताक्षर : मुख्य एयरो रियायतें, जिनमें विमान में फ्यूल भरने की सेवाएं, ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो आवंटित किए जा चुके हैं। रिटेल, डाइनिंग, लाउंज, ड्यूटी-फ्री, और होटल के लिए नॉन-एयरो रियायतों के लिए भी हस्ताक्षर हो गए हैं।
उपकरणों का परीक्षण जारी : एयरपोर्ट के मुख्य सिस्टम्स के लिए फैक्ट्री एक्सेप्टेंस टेस्ट पूरे हो गए हैं और साइट पर उपकरण आने लगे हैं। चेक-इन क्योस्क, सेल्फ सर्विस बैग ड्रॉप्स, और ई-गेट्स का परीक्षण चल रहा है।
लाइसेंस के लिए आवेदन होगा : एयरफील्ड लाइटिंग, पैसेंजर बोर्डिंग ब्रिज, लिफ्ट और एस्केलेटर्स के लिए समझौतापत्रों पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। वर्ष 2024 के अंत तक एयरोड्रोम लाइसेंस के लिए आवेदन होगा।

नए साल से पहले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से कनेक्ट होगा
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के साथ कनेक्टिविटी का काम नए साल तक पूरा हो जाएगा। एयरपोर्ट के पास यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए लूप बनाने का कार्य लगभग पूरा होने को है। वहीं, एक्सप्रेसवे को टर्मिनल बिल्डिंग से जोड़ने के लिए 700 मीटर की सड़क बनाने का कार्य भी तेज कर दिया गया है।

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