130वें संविधान संशोधन, जुआरोधी विधेयक पर विपक्ष के रुख की भाजपा ने की आलोचना

New Delhi News : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने विपक्ष पर भ्रष्टाचार और जुआरियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला है। शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में त्रिवेदी ने कहा कि हाल ही में समाप्त हुए संसद सत्र में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और भ्रष्टाचारियों को सजा सुनिश्चित करने के लिए पेश किए गए 130वें संविधान संशोधन बिल को विपक्ष का समर्थन नहीं मिला। इसके साथ ही, गेमिंग ऐप्स के जरिए जुआ खेलने से जनता को बचाने के लिए लाए गए विधेयक को भी विपक्ष ने समर्थन नहीं दिया।

त्रिवेदी ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी यह हरकत भ्रष्टाचार और जुआरियों के प्रति उनके समर्थन को दर्शाती है। उन्होंने कहा, “विपक्ष भ्रष्टाचारियों और जुआरियों के साथ खड़ा है। संसद सत्र के दौरान 130वां संविधान संशोधन बिल, जो भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए था, और गेमिंग ऐप बिल, जो जुआरियों को रोकने के लिए था, दोनों का विपक्ष ने विरोध किया।”
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि विपक्षी गठबंधन अपनी नीतियों को स्पष्ट करने में विफल रहा है। त्रिवेदी ने विपक्ष से सवाल किया कि वे भ्रष्टाचार और अपराध के मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें। उन्होंने कहा, “एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा आपराधिक मामले तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के खिलाफ दर्ज हैं। फिर भी विपक्ष भ्रष्टाचारियों को बचाने की कोशिश में क्यों लगा है?”

130वें संविधान संशोधन बिल के तहत, यदि कोई मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री 30 दिनों तक पुलिस हिरासत में रहता है, तो उसे 31वें दिन अपनी कुर्सी छोड़नी होगी। इस बिल का विपक्ष ने संसद के भीतर और बाहर कड़ा विरोध किया। त्रिवेदी ने विपक्षी नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी यह हरकत उनकी मानसिकता को उजागर करती है।
इसके अलावा, त्रिवेदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “रेवंत रेड्डी ने बिहार के लोगों के डीएनए को ‘इनफीरियर’ बताया था और स्टालिन ने कहा था कि बिहारी टॉयलेट साफ करने आते हैं। फिर भी राहुल गांधी और तेजस्वी यादव चुप क्यों हैं?” उन्होंने यह भी तंज कसा कि राहुल गांधी के मस्जिद दौरे का कार्यक्रम अचानक बदला गया, जबकि पहले हनुमान मंदिर जाने की बात थी।

भाजपा नेता ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानून से ऊपर किसी को नहीं रखने का संदेश दिया है, जबकि विपक्ष अपनी पुरानी मानसिकता से बाहर नहीं निकल पा रहा। उन्होंने जोर देकर कहा कि बाबा साहब अंबेडकर के संविधान को कूड़ेदान में फेंकने की कोशिश को भाजपा और एनडीए कभी कामयाब नहीं होने देंगे।

विपक्ष की ओर से इस मुद्दे पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, संसद सत्र के दौरान इन बिलों के विरोध को लेकर विपक्षी दलों ने अपनी आपत्तियां दर्ज की थीं। यह मुद्दा आने वाले दिनों में और गर्माने की संभावना है, क्योंकि भाजपा इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई का हिस्सा बता रही है, जबकि विपक्ष इसे संवैधानिक स्वायत्तता पर हमला करार दे रहा है।

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