पूजा पाल के बयान, नकवी का पलटवार, साधा सपा पर निशाना

New Delhi News: दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने समाजवादी पार्टी (सपा) से निष्कासित विधायक पूजा पाल के एक बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पूजा पाल ने हाल ही में कहा था कि “अगर मेरी हत्या हुई तो इसके लिए असली दोषी सपा प्रमुख अखिलेश यादव होंगे।” इस बयान पर नकवी ने पलटवार करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में बाहुबली, बकैत और बलवाइयों की “ठुकाई और पिटाई” से आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। उन्होंने आगे कहा कि पूजा पाल का यह बयान या दिखा रहा है कि उन्हें अच्छी तरह पता है कि कौन सी पार्टी ऐसे अपराधियों और बाहुबलियों की हितैषी है और उनका बचाव करती है।

नकवी ने अपने बयान में सपा पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, “उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपराधियों और बाहुबलियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है, जिससे राज्य में कानून-व्यवस्था मजबूत हुई है। सपा का इतिहास रहा है कि वह ऐसे तत्वों को संरक्षण देती रही है। पूजा पाल का बयान उनकी अपनी पार्टी की सच्चाई को उजागर करता है।”

पूजा पाल का बयान और सपा से निष्कासन
पूजा पाल, जो इलाहाबाद पश्चिम से सपा की पूर्व विधायक रह चुकी हैं, को हाल ही में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। उनके निष्कासन के बाद उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए। पूजा पाल ने दावा किया कि उनकी जान को खतरा है और अगर उनके साथ कुछ अनहोनी होती है, तो इसके लिए अखिलेश यादव जिम्मेदार होंगे। उनके इस बयान ने उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है।

सपा का जवाब
सपा की ओर से अभी तक पूजा पाल के बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, पार्टी सूत्रों का कहना है कि पूजा पाल का निष्कासन पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण किया गया था। सपा नेतृत्व ने इसे आंतरिक अनुशासन का मामला बताया है।

उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था का मुद्दा
नकवी ने अपने बयान में योगी सरकार की कानून-व्यवस्था की तारीफ करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की गई है। उन्होंने दावा किया कि बाहुबलियों और अपराधियों के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के कारण आम जनता में सुरक्षा की भावना बढ़ी है।

सियासी घमासान तेज
पूजा पाल के बयान और नकवी की प्रतिक्रिया ने उत्तर प्रदेश की सियासत को और गर्म कर दिया है। जहां भाजपा सपा को अपराधियों का समर्थक बताने की कोशिश कर रही है, वहीं सपा इस मुद्दे पर खामोशी अख्तियार किए हुए है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले दोनों दलों के बीच सियासी जंग को और तेज कर दिया है।

इस पूरे मामले पर अभी और जानकारी सामने आने की संभावना है, क्योंकि पूजा पाल के बयान ने कई सवाल खड़े किए हैं। फिलहाल, यह मुद्दा उत्तर प्रदेश की राजनीति में चर्चा का केंद्र बना हुआ है।

यह भी पढ़ें: सोशल मीडिया पर, न्यूज़ एंकर चित्रा त्रिपाठी के खिलाफ बढ़ती अभद्रता, कानूनी कार्रवाई की दी चेतावनी

यहां से शेयर करें