New Delhi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। इस दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने हाल ही में अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई अपनी बैठक का ब्योरा साझा किया। यह बैठक रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान और वैश्विक शांति के प्रयासों के संदर्भ में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बातचीत में भारत की उस स्थायी नीति को दोहराया, जो संवाद और कूटनीति के माध्यम से सभी विवादों का शांतिपूर्ण समाधान चाहती है। उन्होंने यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत के समर्थन को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत वैश्विक स्थिरता के लिए हर उस प्रयास का समर्थन करता है, जो बातचीत और सहयोग पर आधारित हो।
दोनों नेताओं ने भारत-रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर भी चर्चा की। बातचीत के दौरान द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं, जैसे व्यापार, रक्षा, और ऊर्जा क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा की गई। दोनों ने भविष्य में भी नियमित संपर्क बनाए रखने पर सहमति जताई।
यह बातचीत ऐसे समय में हुई है, जब अमेरिका ने रूस से तेल आयात के कारण भारत पर 25% टैरिफ लगाया है, जिसके जवाब में भारत ने भी अमेरिकी वस्तुओं पर समान टैरिफ लागू किया है। इसके बावजूद, भारत ने शांतिपूर्ण समाधान और कूटनीति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के साथ भारत के ऐतिहासिक और रणनीतिक रिश्तों को महत्व देते हुए कहा कि भारत हर उस पहल का समर्थन करता है, जो वैश्विक शांति और स्थिरता को बढ़ावा दे। उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन को इस वर्ष के अंत में होने वाले 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने का निमंत्रण भी दिया।
यह बातचीत न केवल भारत-रूस संबंधों को और गहरा करने की दिशा में एक कदम है, बल्कि वैश्विक मंच पर शांति और सहयोग के लिए भारत की सक्रिय भूमिका को भी दर्शाती है।
भारत के प्रधानमंत्री ने रूस के राष्ट्रपति से टेलिफोन पर हुई बातचीत, भारत-रूस शिखर सम्मेलन को लेकर, दिया न्योता

