New Delhi News: ऑफिस स्पेस की बिक्री में उछाल, पढ़िये पूरी ख़बर

New Delhi News: हाल के महीनों में भारत के प्रमुख शहरों में ऑफिस स्पेस की बिक्री में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है। रियल एस्टेट विशेषज्ञों और बाजार विश्लेषकों के अनुसार, यह उछाल कई आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी कारकों का परिणाम है। बेंगलुरु, मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद और पुणे जैसे शहरों में व्यावसायिक संपत्तियों की बिक्री और लीजिंग में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है।

भारत में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) और बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बढ़ती उपस्थिति ने ऑफिस स्पेस की मांग को बढ़ावा दिया है। जेएलएल इंडिया की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की पहली छमाही में ऑफिस स्पेस की कुल लीजिंग 39.45 मिलियन वर्ग फुट तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 17.6% अधिक है। बेंगलुरु इस मांग का केंद्र रहा, जहां 37.6% लीजिंग गतिविधियां दर्ज की गईं।
तकनीकी और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र ने 2025 में मजबूत वापसी की है। टेक कंपनियों ने इस वर्ष की पहली छमाही में 9.1 मिलियन वर्ग फुट ऑफिस स्पेस लिया, जो 2024 की पूरी लीजिंग का 75% है। इसके अलावा, जीसीसी की गतिविधियों ने भी रिकॉर्ड स्तर छूआ, जिसमें बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा (बीएफएसआई) क्षेत्र का योगदान 55.6% रहा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह रुझान 2025 में भी जारी रहेगा, क्योंकि भारत वैश्विक कंपनियों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना हुआ है। हालांकि, कुछ चुनौतियां भी हैं। मुंबई जैसे शहरों में सीमित आपूर्ति और उच्च लागत के कारण वैकेंसी रेट कम है, जिससे किराए में और वृद्धि हो सकती है।

इसके अलावा, पुराने ऑफिस स्टॉक, विशेष रूप से गैर-प्रमुख स्थानों में, को अपग्रेड करने की आवश्यकता है। कश्मन एंड वेकफील्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में ग्रेड-ए ऑफिस स्टॉक की औसत आयु 10 वर्ष से कम है, लेकिन सेकेंडरी स्टॉक को रेट्रोफिटिंग की जरूरत है ताकि यह आधुनिक और टिकाऊ मानकों को पूरा कर सके।
रियल एस्टेट विशेषज्ञ प्यूश जैन के अनुसार, “भारत का ऑफिस बाजार वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद मजबूत बना हुआ है। जीसीसी और भारतीय कंपनियों की बढ़ती मांग, साथ ही सरकार की कारोबारी सुगमता सुधारों ने इस क्षेत्र को गति दी है।”

America News: जैक डोर्सी ने बनाया ऐसा ऐप , बिना इंटरनेट के भी भेजें जायेंगे मैसेज

यहां से शेयर करें