New Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बारिश का मौसम आते ही शहर की बदहाल स्थिति एक बार फिर सुर्खियों में है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस बी आर गवई ने दिल्ली की इस समस्या पर तल्ख टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, “दिल्ली में दो घंटे की बारिश होने पर पूरा शहर अस्त-व्यस्त हो जाता है।” यह टिप्पणी दिल्ली की बुनियादी ढांचे की कमियों और जल निकासी व्यवस्था की नाकामी को उजागर करके रख दिया है।
बारिश से दिल्ली की रफ्तार पर ब्रेक
पिछले कुछ दिनों से दिल्ली और एनसीआर में हो रही बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित किया है। रविवार, 17 अगस्त 2025 को हुई झमाझम बारिश के कारण दिल्ली के कई इलाकों में सड़कों पर जलभराव और भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति देखी गई। पालम मोड़, मेहरौली-बदरपुर रोड, जखीरा अंडरपास, और लाल कुआं जैसे क्षेत्रों में जलजमाव के कारण वाहन घंटों जाम में फंसे रहे। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 18 अगस्त को भी हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है, जिससे शहरवासियों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
जल निकासी व्यवस्था की पोल खुली
दिल्ली में बारिश के बाद जलभराव की समस्या कोई नई बात नहीं है। हर साल मानसून के मौसम में सड़कों पर पानी भर जाता है, जिससे यातायात ठप हो जाता है और आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली की जल निकासी व्यवस्था पुरानी और अपर्याप्त है। नालों की नियमित सफाई न होने और अतिक्रमण के कारण पानी का निकास बाधित होता है। इस बार जुलाई 2025 में दिल्ली में 235.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य औसत 209.7 मिमी से अधिक है। इसके बावजूद, प्रशासन की ओर से इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
सियासी तंज और आरोप-प्रत्यारोप
बारिश और जलभराव की स्थिति को लेकर दिल्ली में सियासी घमासान भी शुरू हो गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया पर कमला नगर मार्केट के जलभराव का वीडियो साझा करते हुए दिल्ली सरकार और लोक निर्माण विभाग (PWD) पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया, “10 मिनट की बरसात के बाद दिल्ली की कमला नगर मार्केट का हाल! यह है 4-इंजन की सरकार का कमाल!!” वहीं, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि जीटीके डिपो, एमबी रोड, और रोहतक रोड पर जलभराव और गड्ढों के कारण यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ।
लोगों की परेशानी और प्रशासन की लापरवाही
दिल्ली के कई इलाकों जैसे मयूर विहार, आईटीओ, मंडी हाउस, लक्ष्मी नगर, और पटेल नगर में सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया, जिससे दोपहिया वाहन चालकों को खासतौर पर परेशानी हुई। एक यात्री ने बताया कि दिलशाद गार्डन में IHBAS अस्पताल के पास भारी जाम के कारण कड़कड़डूमा कोर्ट पहुंचने में उन्हें आधे घंटे से अधिक समय लगा। सोशल मीडिया पर लोग अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए प्रशासन से जलजमाव की समस्या का स्थायी समाधान करने की मांग कर रहे हैं।
क्या है समाधान?
सीजेआई जस्टिस बी आर गवई की टिप्पणी ने दिल्ली की इस गंभीर समस्या पर एक बार फिर ध्यान खींचा है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि दिल्ली को इस समस्या से निजात पाने के लिए आधुनिक जल निकासी प्रणाली, नियमित नालों की सफाई, और अतिक्रमण हटाने जैसे कदम उठाने होंगे। साथ ही, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सड़कों और बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने की जरूरत है।
निष्कर्ष
दिल्ली में दो घंटे की बारिश से उत्पन्न होने वाली अराजकता न केवल प्रशासनिक नाकामी को दर्शाती है, बल्कि शहर की बुनियादी ढांचे की कमजोरियों को भी उजागर करती है। सीजेआई की टिप्पणी ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय चर्चा का विषय बना दिया है। अब यह देखना बाकी है कि दिल्ली सरकार और संबंधित विभाग इस समस्या से निपटने के लिए क्या ठोस कदम उठाते हैं, ताकि भविष्य में बारिश शहर की रफ्तार को न रोक सके।