New Delhi News: दक्षिणी दिल्ली के तुगलकाबाद गांव में पिछले चार दिनों से भीषण जलभराव ने स्थानीय निवासियों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बारिश के पानी ने न केवल सड़कों को तालाब में तब्दील कर दिया, बल्कि लोगों के घरों में भी घुस गया, जिससे बेड, सोफा, फ्रिज जैसे जरूरी सामान खराब हो गए। बिजली और पेयजल की आपूर्ति ठप होने से ग्रामीणों का जीवन और भी मुश्किल हो गया है। स्वतंत्रता दिवस और जन्माष्टमी जैसे महत्वपूर्ण अवसर भी इस संकट की भेंट चढ़ गए, क्योंकि मूलभूत सुविधाओं के अभाव में लोग त्योहारों का उत्साह को भी खोते हुए नज़र आ रहे हैं।
जलभराव ने बढ़ाई मुसीबतें
स्थानीय लोगों के अनुसार, तुगलकाबाद गांव में जल निकासी की समुचित व्यवस्था न होने के कारण बारिश का पानी सड़कों और घरों में जमा हो गया है। एक स्थानीय निवासी, अजय सोहन, जो 20 साल से इस इलाके में रह रहे हैं, ने बताया, “बरसात में हालात इतने बदतर हो जाते हैं कि घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। सड़कों पर घुटनों तक पानी भरा है, और नाले का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
बिजली और पानी का संकट
जलभराव के कारण बिजली की आपूर्ति भी बाधित हो गई है। कई इलाकों में बिजली काट दी गई है, जिससे लोगों को अंधेरे में रहना पड़ रहा है। पेयजल की कमी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। एक अन्य निवासी, कल्पना, ने बताया, “पानी का टैंकर आता है, लेकिन वह पर्याप्त नहीं है। हमें पीने के पानी के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है।” दिल्ली जल बोर्ड की ओर से इस समस्या के समाधान के लिए कोई तत्काल कदम नहीं उठाए गए हैं, जिससे लोगों में प्रशासन के प्रति नाराजगी बढ़ रही है।
त्योहारों पर पड़ा असर
स्वतंत्रता दिवस और जन्माष्टमी जैसे पर्व, जो सामान्य रूप से उत्साह और उमंग के साथ मनाए जाते हैं, इस बार तुगलकाबाद के लोगों के लिए सिर्फ एक औपचारिकता बनकर रह गए। एक ग्रामीण ने दुखी स्वर में कहा, “जब खाने-पीने का पानी ही उपलब्ध नहीं है, तो त्योहार कैसे मनाएं? हमारे लिए तो हर दिन एक संघर्ष बन गया है।” जलभराव और मूलभूत सुविधाओं की कमी ने लोगों के जीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है।
प्रशासन का रवैया और वादे
स्थानीय लोगों ने बताया कि जलभराव, टूटी सड़कों और सीवर ओवरफ्लो की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। मई 2025 में मेयर राजा इकबाल सिंह ने तुगलकाबाद गांव का दौरा कर सड़कों, नालियों की मरम्मत और सामुदायिक भवन निर्माण का वादा किया था। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि ये वादे अभी तक हवा-हवाई ही साबित हुए हैं। दिल्ली जल बोर्ड ने भी दक्षिणी दिल्ली में पानी की आपूर्ति बाधित होने की बात स्वीकारी है, लेकिन रखरखाव कार्यों के कारण यह समस्या और बढ़ गई है।
आगे क्या?
दिल्ली में जल संकट और जलभराव की समस्या कोई नई बात नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि अपर्याप्त जल निकासी व्यवस्था, अनियोजित शहरीकरण और रखरखाव की कमी इस समस्या के मुख्य कारण हैं। दिल्ली जल बोर्ड ने 1034 नए ट्यूबवेल लगाने की योजना बनाई थी, लेकिन फंड की कमी के कारण यह योजना अधूरी है। तुगलकाबाद जैसे ग्रामीण इलाकों में बुनियादी ढांचे की कमी इस समस्या को और जटिल बनाती है।
स्थानीय लोग अब प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनकी मांग है कि जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए, सड़कों की मरम्मत हो, और बिजली-पानी की आपूर्ति नियमित की जाए। जब तक ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तुगलकाबाद के लोगों का यह संघर्ष जारी रहेगा, और त्योहारों की खुशी उनके लिए एक दूर का सपना बनी रहेगी|
क्लिनिकल डिप्रेशन, एक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्या जिसे समझना ज़रूरी है, पढ़िए पूरी ख़बर

