New Delhi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नई दिल्ली के बाबा खड़क सिंह मार्ग पर सांसदों के लिए नवनिर्मित 184 टाइप-VII मल्टी-स्टोरी फ्लैटों का उद्घाटन किया। ये फ्लैट आधुनिकता, विलासिता और पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों का शानदार नमूना हैं, जो सांसदों को आरामदायक और कार्य-कुशल आवास प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। हालांकि, इस परियोजना की भारी-भरकम लागत और प्राथमिकताओं को लेकर कुछ सवाल भी उठ रहे हैं।
फ्लैटों की विशेषताएं, विलासिता का नया पैमाना
यह आवासीय परिसर चार टावरों (कृष्णा, गोदावरी, कोसी और हुगली) में फैला हुआ है, जिनमें प्रत्येक टावर 23 मंजिलों का है। कुल 184 फ्लैटों में से प्रत्येक का क्षेत्रफल लगभग 5,000 वर्ग फुट है, जो लुटियंस दिल्ली के टाइप-VIII बंगलों से भी बड़ा माना जा रहा है। प्रत्येक फ्लैट में निम्नलिखित सुविधाएं शामिल हैं:
– पांच बेडरूम: हर बेडरूम में अटैच ड्रेसिंग एरिया और बाथरूम।
– दो ऑफिस: सांसद और उनके निजी सहायक के लिए अलग-अलग ऑफिस, दोनों में अटैच शौचालय।
– मॉड्यूलर किचन: चूल्हा, चिमनी, RO सिस्टम, रेफ्रिजरेटर और पर्याप्त स्टोरेज के साथ।
– पूजा घर: धार्मिक जरूरतों के लिए समर्पित स्थान।
– ड्रॉइंग-डाइनिंग और फैमिली लाउंज: प्राकृतिक रोशनी और हवा के लिए बालकनी के साथ।
– आधुनिक सुविधाएं: डबल-ग्लेज्ड UPVC खिड़कियां, VRV सेंट्रल एयर कंडीशनिंग, वीडियो डोर फोन, वाई-फाई, सेंट्रल केबल टीवी, और पाइप्ड गैस कनेक्शन।
– लकड़ी और विट्रिफाइड फर्श: ऑफिस और मास्टर बेडरूम में लकड़ी का फर्श, अन्य हिस्सों में विट्रिफाइड टाइल्स।
इसके अतिरिक्त, परिसर में एक छह मंजिला सुविधा ब्लॉक है, जिसमें कैंटीन, जिम, योगा रूम, कम्युनिटी हॉल, डिस्पेंसरी, दुकानें, और गेस्ट रूम शामिल हैं। 612 वाहनों के लिए दो बेसमेंट, स्टिल्ट, और ओपन पार्किंग की व्यवस्था भी की गई है।
पर्यावरण-अनुकूल और भूकंपरोधी डिज़ाइन
यह परिसर ग्रीन टेक्नोलॉजी पर जोर देता है। इसमें 400 kWp रूफटॉप सोलर पैनल, वर्षा जल संचयन, सीवेज ट्रीटमेंट, वाटर रीसाइक्लिंग, ड्यूल प्लंबिंग, और ऊर्जा-बचत वाले उपकरण शामिल हैं। भवन भूकंपरोधी और दिव्यांगजन-अनुकूल हैं, जो नेशनल बिल्डिंग कोड 2016 के मानकों का पालन करते हैं। सुरक्षा के लिए CCTV, बूम बैरियर, और खूबसूरत लैंडस्केप्ड लॉन भी हैं।
तेजी से काम, लेकिन बढ़ा खर्च
मिवान तकनीक का उपयोग कर इस परियोजना को मात्र 9 महीनों में पूरा किया गया, जिसे सैम इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर ने बिना ईंटों के, RCC और एल्यूमीनियम शटरिंग के साथ बनाया। शुरुआती अनुमानित लागत 550 करोड़ रुपये थी, जो बढ़कर 680 करोड़ रुपये हो गई। यह परियोजना पुराने 243 फ्लैटों को हटाकर बनाई गई है और इसमें लगभग 2,468 लोग रह सकते हैं।
उद्घाटन और पीएम का संदेश
उद्घाटन समारोह में पीएम मोदी ने एक सिंदूर का पौधा लगाया और निर्माण में योगदान देने वाले श्रमिकों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि ये फ्लैट सांसदों के जीवन को आसान बनाएंगे, सरकारी खर्च कम करेंगे, और “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की भावना को मजबूत करेंगे। उन्होंने सांसदों से क्षेत्रीय संस्कृतियों को मिलकर मनाने और परिसर को स्वच्छ रखने की अपील भी की।
विवाद और सवाल
इन फ्लैटों की विलासिता और लागत को लेकर कुछ सवाल उठ रहे हैं। कई लोग पूछ रहे हैं कि जब देश में गरीबी, बेरोजगारी, और बुनियादी ढांचे की कमी जैसे मुद्दे प्राथमिकता मांगते हैं, तब क्या इतने महंगे आवासों पर इतना खर्च उचित है? कुछ आलोचकों का मानना है कि यह राशि स्कूलों, अस्पतालों, या ग्रामीण विकास पर खर्च की जा सकती थी। वहीं, समर्थकों का कहना है कि सांसदों को कार्यकुशल और सुरक्षित आवास देना भी जरूरी है, ताकि वे अपने कर्तव्यों पर ध्यान दे सकें।
निष्कर्ष
बाबा खड़क सिंह मार्ग पर बना यह आवासीय परिसर निश्चित रूप से आधुनिकता और सुविधा का प्रतीक है। यह सांसदों को एक ऐसी जगह प्रदान करता है जहां वे अपने कार्य और निजी जीवन को संतुलित कर सकते हैं। हालांकि, इसकी लागत और प्राथमिकता पर बहस छिड़ी हुई है, जो यह सवाल उठाती है कि क्या विकास के अन्य क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए थी।
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