भारतीय रेलवे के नए नियम, लोअर बर्थ के लिए प्राथमिकता हुई तय, अब इन यात्रियों को मिलेगी नीचे की सीट

New Delhi/Indian Railway News: भारतीय रेलवे ने अपने लाखों-करोड़ों यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। ट्रेनों में लोअर बर्थ को लेकर अक्सर होने वाली असुविधाओं को देखते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई नीति लागू की है, जिसके तहत लोअर बर्थ की प्राथमिकता विशेष श्रेणी के यात्रियों को दी जाएगी। यह नियम 2025 में लागू हो चुके हैं और इससे महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, और दिव्यांग यात्रियों को यात्रा के दौरान विशेष राहत मिलेगी।

किन्हें मिलेगी लोअर बर्थ की प्राथमिकता?
नए नियमों के अनुसार, लोअर बर्थ का आवंटन अब मुख्य रूप से तीन श्रेणियों के यात्रियों को प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा:
1. 60 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक
2. 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं
3. दिव्यांग यात्री

रेलवे का मानना है कि इन यात्रियों के लिए ऊपरी बर्थ पर चढ़ना शारीरिक रूप से कठिन और असुरक्षित हो सकता है। इसलिए, स्वचालित सीट आवंटन प्रणाली के माध्यम से इन श्रेणियों के यात्रियों को प्राथमिकता दी जाएगी।

कितनी लोअर बर्थ होंगी आरक्षित?
रेलवे ने विभिन्न कोचों में लोअर बर्थ के लिए कोटा निर्धारित किया है:
• स्लीपर क्लास: प्रत्येक कोच में 6-7 लोअर बर्थ
• एसी थर्ड (3AC/3E): 4-5 लोअर बर्थ
• एसी सेकंड (2AC): 3-4 लोअर बर्थ
• एसी चेयर कार (CC) और सेकंड सिटिंग (2S): 4 सीटें

यह आवंटन स्वचालित प्रणाली द्वारा होगा, जो बुकिंग के समय यात्रियों की उम्र और स्थिति को ध्यान में रखकर लोअर बर्थ प्रदान करेगी। यदि यात्रा के दौरान अतिरिक्त लोअर बर्थ उपलब्ध होती है, तो टिकट चेकर (TTE) द्वारा इसे इन श्रेणियों के यात्रियों को प्राथमिकता के आधार पर दिया जाएगा।

क्यों लिया गया यह फैसला?
रेलवे के अनुसार, यह निर्णय विशेष रूप से उन यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है, जिन्हें लोअर बर्थ की सबसे अधिक आवश्यकता होती है। पहले कई बार इन यात्रियों को ऊपरी या मध्य बर्थ आवंटित होने के कारण असुविधा होती थी, और उन्हें अन्य यात्रियों से सीट बदलने की गुजारिश करनी पड़ती थी। इस नई व्यवस्था से ऐसी शर्मिंदगी और असुविधा से बचा जा सकेगा।

सामान्य यात्रियों पर क्या होगा असर?
नए नियमों के तहत, यदि यात्री उपरोक्त प्राथमिकता वाली श्रेणियों में नहीं आते, तो उन्हें लोअर बर्थ प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। हालांकि, यदि बुकिंग के समय प्राथमिकता वाले कोटे की सीटें खाली रहती हैं, तो सामान्य यात्रियों को भी लोअर बर्थ आवंटित की जा सकती हैं। रेलवे ने सलाह दी है कि यात्री जल्दी बुकिंग करें और बर्थ प्राथमिकता को सही तरीके से दर्ज करें।

अन्य सुविधाएं और बदलाव
इसके अलावा, रेलवे ने दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष आरक्षण कोटा और सुलभ सुविधाएं जैसे व्हीलचेयर रैंप और विशेष शौचालय भी बढ़ाए हैं। विकलांग रेलवे स्मार्ट कार्ड के जरिए 25% से 75% तक की टिकट छूट भी उपलब्ध है। साथ ही, रेलवे ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित सीट आवंटन प्रणाली शुरू की है, जो यात्रियों की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखकर सीट आवंटित करेगी।

रेल मंत्री का बयान
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “हमारा उद्देश्य भारतीय रेलवे को सभी के लिए सुरक्षित, सुविधाजनक और समावेशी बनाना है। लोअर बर्थ की प्राथमिकता का यह नया नियम उन यात्रियों की जरूरतों को पूरा करेगा, जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।”

निष्कर्ष
भारतीय रेलवे का यह नया नियम यात्रियों, खासकर वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांगजनों के लिए एक बड़ा कदम है। यह न केवल उनकी यात्रा को आरामदायक बनाएगा, बल्कि रेलवे की विश्वसनीयता और यात्री संतुष्टि को भी बढ़ाएगा। यात्रियों से अनुरोध है कि वे अपनी यात्रा की योजना पहले से बनाएं और बुकिंग के समय सही जानकारी दर्ज करें ताकि इस सुविधा का अधिकतम लाभ उठाया जा सके।
नोट: अधिक जानकारी के लिए यात्री आधिकारिक रेलवे वेबसाइट www.indianrail.gov.in पर जा सकते हैं।

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