New Delhi/Dr. A.P. Singh News: बॉलीवुड की बहुप्रतीक्षित फिल्म जॉली एलएलबी 3 रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई है। इस फिल्म को लेकर देश के जाने-माने वकील डॉ. ए. पी. सिंह ने कड़ा विरोध जताया है। उनका कहना है कि फिल्म में वकालत के पेशे और न्यायपालिका का अपमान किया गया है। डॉ. सिंह ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
डॉ. ए. पी. सिंह ने कहा, मैं भी वकील हूँ, 28 सालों से सुप्रीम कोर्ट के ज़रिए देश की सेवा में लगा हुआ हूँ। ये फिल्मी दुनिया के लोग जो नशे की विलास में रहते है। इनका मजाक अब भांड का स्वरूप ले रही है सेंसर बोर्ड चुप क्यो है। “जॉली एलएलबी 3 में वकीलों और न्यायपालिका को बेहद फूहड़ और अपमानजनक तरीके से दिखाया गया है। यह फिल्म हमारे पेशे की गरिमा को ठेस पहुंचाती है। हम मजाक का पात्र नहीं हैं। हम गरीबों, दलितों, शोषितों और सभी वर्गों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ते हैं। यह फिल्म लोगों के मन में वकालत को लेकर गलत धारणा बनाएगी और इस सम्मानित पेशे को बदल कर रख देगी।”
इतिहास इस बात का गवाह रहा है चाहे पंडित जवाहरलाल नेहरू रहे हो चाहे अभी तक के। डॉ.भीमराव अम्बेडकर से लेकर अभी तक के चौधरी चरण सिंह से लेकर अभी तक का इतिहास रहा हो।
डॉ. सिंह ने आगे कहा कि देशभर के वकील इस फिल्म के खिलाफ एकजुट हैं। उनके पास विभिन्न राज्यों और यहां तक कि विदेशों से भी वकीलों के फोन आ रहे हैं, जो इस फिल्म के कंटेंट से नाराज हैं। उन्होंने मांग की है कि सेंसर बोर्ड और सूचना व प्रसारण मंत्रालय इस मामले में तुरंत कार्रवाई करे और फिल्म पर बैन लगाए।
वकालत के पेशे राजनीति में चाहे विभिन्न क्षेत्रों में आए हो आज भी सम्मान जनक दृष्टि से देखा गया, सम्मान जनक माना गया। छोटे से छोटे मामले, आपसी लड़ाई झगड़ो में कहा जाता है I see you in the court। लोगो का भरोसा अभी भी क़ायम है और आगे भी क़ायम रहेगा। बहुत सारे ऐसे वकील है जो सामान्य जीवन जीकर लोगो के न्याय दिलाने का काम कर रहे है।
संवैधानिक जिम्मेदारी, संविधान की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है।संविधान के अधिकारो को जीवित रखते है, संविधान के आर्टिकल को हम जीवित रखते है। और आज हमारा मजाक बन रहा है। वकालत के पेशे का मजाक बन रहा है।
जॉली एलएलबी 3 एक कोर्टरूम ड्रामा और कॉमेडी फिल्म है, जिसमें अक्षय कुमार और अरशद वारसी मुख्य भूमिकाओं में हैं। यह फिल्म सुभाष कपूर द्वारा निर्देशित है और 19 सितंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। फिल्म का टीजर हाल ही में रिलीज हुआ था, जिसमें अक्षय और अरशद के साथ सौरभ शुक्ला जज सुंदरलाल त्रिपाठी के किरदार में नजर आए। हालांकि, टीजर में कुछ दृश्यों, खासकर एक सीन में जज को “मामू” कहे जाने पर वकीलों ने आपत्ति जताई है।
डॉ. ए. पी. सिंह, जो निर्भया केस, डेरा सच्चा सौदा की हनीप्रीत मामले और सीमा-सचिन मामले जैसे हाई-प्रोफाइल केसों में अपनी दलीलें पेश कर चुके हैं, ने कहा कि इस तरह की फिल्में न केवल वकालत के पेशे को हास्यास्पद बनाती हैं, बल्कि न्यायपालिका की गरिमा को भी कम कर रही हैं। उन्होंने मांग की है कि फिल्म के विवादित दृश्यों को हटाया जाए, अन्यथा इसकी रिलीज पर रोक लगाई जाए।
यह पहली बार नहीं है जब जॉली एलएलबी सीरीज विवादों में आई है। पहले भी इस फ्रैंचाइजी की फिल्मों पर वकीलों और बार एसोसिएशन्स ने आपत्ति जताई थी। मई 2024 में अजमेर जिला बार एसोसिएशन ने फिल्म की शूटिंग रोकने की मांग की थी, हालांकि राजस्थान हाई कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। इसके अलावा, पुणे की एक अदालत ने भी अक्षय कुमार, अरशद वारसी और निर्देशक सुभाष कपूर को नोटिस जारी कर 28 अक्टूबर को पेश होने का निर्देश दिया है।
फिलहाल, दर्शक इस कोर्टरूम ड्रामा को देखने के लिए उत्साहित हैं, लेकिन कानूनी विवादों के चलते फिल्म की रिलीज पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। अब यह देखना होगा कि क्या यह फिल्म निर्धारित तारीख पर रिलीज हो पाएगी या कानूनी अड़चनों में उलझ कर रह जाएगी।

