Netherlands News: ओस्टरवोल्ड, जो एम्स्टर्डम के पास एक उपनगरीय क्षेत्र है, में एक अनोखा सामाजिक और कृषि प्रयोग चलाया जा रहा है। यहां के हर निवासी को, चाहे वह किसी भी पेशे से जुड़ा हो, खेती-बाड़ी करनी ही पड़ती है। इस अनूठे मॉडल में न्यूनतम नियमों के साथ लोगों को अपने घर डिजाइन करने और अपनी जमीन का आधा हिस्सा खेती के लिए उपयोग करने की स्वतंत्रता दी गई है। यह प्रयोग आत्मनिर्भरता और टिकाऊ जीवनशैली को बढ़ावा देने की दिशा में एक साहसिक कदम माना जा रहा है।
ओस्टरवोल्ड में रहने वाले लोग, चाहे वे डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक या किसी अन्य पेशे में हों, अपनी जमीन पर फल, सब्जियां और अन्य फसलें उगाते हैं। इस मॉडल का उद्देश्य न केवल स्थानीय स्तर पर खाद्य उत्पादन को बढ़ावा देना है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक एकजुटता को भी मजबूत करना है। निवासियों को अपने घर और खेतों को डिजाइन करने की स्वतंत्रता है, लेकिन यह शर्त है कि वे अपनी जमीन का कम से कम 50% हिस्सा कृषि के लिए उपयोग करें।
इस अनूठे प्रयोग को लेकर लोगों की राय बंटी हुई है। कुछ का मानना है कि यह भविष्य के टिकाऊ शहरों का मॉडल हो सकता है, जहां शहरी और ग्रामीण जीवन का सामंजस्य स्थापित हो सके । दूसरी ओर, कुछ लोग इसे एक चुनौतीपूर्ण और श्रमसाध्य प्रयोग मानते हैं, क्योंकि हर व्यक्ति के लिए खेती करना आसान नहीं है, खासकर उन लोगों के लिए जो पहले कभी कृषि से नहीं जुड़े।
नीदरलैंड सरकार और स्थानीय प्रशासन इस प्रयोग को पर्यावरणीय स्थिरता और खाद्य सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानते हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या यह मॉडल अन्य देशों या शहरों में भी उतना ही प्रभावी हो सकता है? क्या हर व्यक्ति के लिए खेती करना व्यवहारिक है, या यह केवल एक सीमित प्रयोग बनकर रह जाएगा?
ओस्टरवोल्ड का यह मॉडल निश्चित रूप से दुनिया भर के शहरी योजनाकारों और पर्यावरणविदों के लिए एक चर्चा का विषय बन रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह प्रयोग भविष्य में कितना सफल होता है और क्या यह वैश्विक स्तर पर टिकाऊ विकास का रास्ता दिखा सकेगा।

