Neha Singh Rathore’s petition dismissed: लोकप्रिय भोजपुरी गायिका और सोशल मीडिया पर सक्रिय नेहा सिंह राठौर को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उनके खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर दर्ज एफआईआर को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी। इस फैसले के बाद भी नेहा ने पीएम मोदी पर निशाना साधना नहीं छोड़ा और सोशल मीडिया पर एक बार फिर आलोचना की।
घटना का पृष्ठभूमि
मामला अप्रैल 2025 का है, जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के तुरंत बाद नेहा सिंह राठौर ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर की। इस पोस्ट में उन्होंने आरोप लगाया कि हमले के बाद पीएम मोदी बिहार पहुंचे ताकि पाकिस्तान को धमकी दे सकें और राष्ट्रवाद के नाम पर वोट बटोर सकें। पोस्ट में उन्होंने पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी पर सैनिकों की ‘बलि’ चढ़ाने का भी आरोप लगाया, साथ ही धर्म को राजनीति से जोड़ते हुए कथित तौर पर नफरत भड़काने वाली टिप्पणियां कीं।
इस पोस्ट को लेकर लखनऊ के हजरतगंज थाने में 27 अप्रैल 2025 को नेहा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं (जैसे धारा 196, 299, 352, 353) के तहत एफआईआर दर्ज की गई। आरोप था कि उनकी टिप्पणियां प्रधानमंत्री का अपमानजनक तरीके से इस्तेमाल करती हैं, सांप्रदायिक तनाव फैला सकती हैं और देश की एकता को खतरा पहुंचा सकती हैं।
कोर्ट का फैसला
19 सितंबर 2025 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नेहा की याचिका पर सुनवाई की। जस्टिस राजेश सिंह चौहान और जस्टिस सैयद कमर हसन रिजवी की खंडपीठ ने याचिका को ‘भ्रामक’ बताते हुए खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है, लेकिन यह पूर्ण नहीं है—इस पर उचित प्रतिबंध लगते हैं। प्रथम दृष्टया नेहा के पोस्ट्स संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आते हैं, जहां पीएम के नाम का अपमानजनक और असम्मानजनक इस्तेमाल हुआ है। साथ ही, धर्म और राजनीति को मिलाकर नफरत फैलाने का प्रयास दिखता है।
कोर्ट ने नेहा को 26 सितंबर 2025 को सुबह 11 बजे जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने और पुलिस रिपोर्ट दाखिल होने तक जांच में सहयोग करने का सख्त निर्देश दिया। सरकारी पक्ष ने तर्क दिया कि ऐसी टिप्पणियां भारत-पाक तनाव के बीच देश की सुरक्षा और सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
नेहा का नया बयान: ‘आलोचना बर्दाश्त नहीं कर सकते तो…’
फैसले के बाद नेहा सिंह राठौर ने फिर से सोशल मीडिया पर सक्रियता दिखाई। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा, “आलोचना बर्दाश्त नहीं कर सकते तो…”—जिसमें उन्होंने सरकार और पीएम मोदी पर तंज कसा। इसके अलावा, उन्होंने जीएसटी बचत उत्सव को लेकर भी व्यंग्य किया: “जीएसटी बचत उत्सव अगर अब शुरू हो रहा है तो क्या अब तक सरकार जीएसटी लूट महोत्सव चला रही थी?” नेहा ने बिहार चुनावों को लेकर भी पीएम के खिलाफ ट्वीट्स किए, जो पहले ही विवाद का कारण बने थे।
नेहा के वकील ने याचिका में दावा किया था कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए जांच जारी रखने की अनुमति दी। सोशल मीडिया पर नेहा के समर्थक उन्हें ‘आलोचना का अधिकार’ दे रहे हैं, जबकि आलोचक उन्हें ‘ट्रोलर’ और ‘नफरत फैलाने वाली’ बता रहे हैं।
नेहा सिंह राठौर कौन हैं?
नेहा सिंह राठौर भोजपुरी लोक गायिका हैं, जो ‘यूपी में का बा’ जैसे गीतों से प्रसिद्ध हुईं। वे सोशल मीडिया पर महंगाई, भ्रष्टाचार और सरकारी नीतियों पर व्यंग्यात्मक गीत गाकर सुर्खियां बटोरती रहती हैं। पहले भी बिहार चुनावों के दौरान उनके ट्वीट्स पर एफआईआर हुई थी, लेकिन वे लगातार सरकार की आलोचना करती रहती हैं।
यह मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम अपमान के बीच संतुलन का उदाहरण बन गया है। नेहा की अगली सुनवाई और जांच का इंतजार अब सबको है।\

