एनईईटी पीजी 2025: छात्रों का निजी डेटा लीक, काउंसलर दे रहे एमडी-एमएस सीटों का लालच, एनबीई ने खारिज किया ब्रेक का दावा

NEET PG 2025: मेडिकल प्रवेश परीक्षा एनईईटी पीजी 2025 के उम्मीदवारों के लिए एक नया संकट खड़ा हो गया है। परीक्षा परिणामों के बाद काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू होने से ठीक पहले, करीब 1.38 लाख छात्रों का निजी डेटा ऑनलाइन लीक हो गया है। इस डेटा का इस्तेमाल कर एजेंट और काउंसलर छात्रों को फोन और व्हाट्सएप पर संपर्क कर एमडी-एमएस सीटें दिलाने का झांसा दे रहे हैं। नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशंस इन मेडिकल साइंसेज (एनबीईएमएस) ने इसकी आधिकारिक पुष्टि करते हुए कहा है कि उनके सिस्टम से कोई ब्रेक नहीं हुआ है, लेकिन छात्रों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

लीक हुए डेटा का खुलासा: नाम, फोन और ईमेल सब बिक्री के लिए
जानकारी के मुताबिक, एनईईटी पीजी 2025 के लगभग 1,38,456 उम्मीदवारों का व्यक्तिगत डेटा—जिसमें नाम, रोल नंबर, एप्लीकेशन आईडी, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी शामिल हैं—विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बिक्री के लिए उपलब्ध है। टेलीग्राम चैनलों और वेबसाइट्स पर इस डेटा को मात्र 3,000 से 8,500 रुपये में बेचा जा रहा है, जबकि कुछ जगहों पर प्रति छात्र 50 से 200 रुपये तक की कीमत लगाई गई है। एक मेडिकल एस्पिरेंट विभोर गुप्ता ने सोशल मीडिया पर शेयर किया, “यह बेहद दुखद है कि इतने सारे छात्रों का डेटा महज 3,599 रुपये में बिक रहा है। सैंपल डेटा को पब्लिकली दिखाकर खरीदारों का भरोसा जीता जा रहा है।”
यह डेटा एनबीईएमएस द्वारा मेडिकल काउंसलिंग कमिटी (एमसीसी) को साझा किए गए रिजल्ट डेटा से मिलता-जुलता है, जो 50% ऑल इंडिया कोटा (एआईक्यू) सीटों की काउंसलिंग के लिए इस्तेमाल होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि लीक संभवतः डेटा हैंडलिंग के किसी चरण में हुआ हो, लेकिन एनबीईएमएस ने स्पष्ट किया कि उनकी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत है।

काउंसलरों का फर्जीवाड़ा: ‘गारंटीड सीट’ का लालच
लीक डेटा के सहारे काउंसलर और दलाल छात्रों को सीधे संपर्क कर रहे हैं। वे सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पसंदीदा स्पेशलाइटी (जैसे कार्डियोलॉजी या सर्जरी) और लोकेशन में एमडी-एमएस सीट दिलाने का वादा कर रहे हैं। कई मामलों में एडवांस पेमेंट की मांग की जा रही है, और दावा किया जा रहा है कि कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन से उनका कनेक्शन है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे एक्स, टेलीग्राम और रेडिट पर छात्रों ने ऐसी कॉल्स की शिकायतें शेयर की हैं। एक छात्र ने रेडिट पर लिखा, “टेलीग्राम पर किसी ने पूरे डेटाबेस को 15,000 रुपये में बेचने की पेशकश की। मैंने कंसल्टेंसी का बहाना बनाकर पूछा तो डिटेल्स देने को तैयार हो गया।”

डॉ. विशाल एमडी ने एक्स पर पोस्ट किया, “शॉकिंग! एनईईटी पीजी के बाद अब डेटा लीक। एनबीई और अन्य स्टेकहोल्डर्स को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।” यह घोटाला छात्रों के बीच डर और अविश्वास पैदा कर रहा है, खासकर जब काउंसलिंग की तारीखें अभी लटकी हुई हैं।

एनबीईएमएस का जवाब: ‘हमारे साइड से कोई ब्रेक नहीं, रिपोर्ट करें’
एनबीईएमएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “हमारे साइड से कोई डेटा ब्रेक नहीं हुआ है। हमारी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत है। काउंसलिंग एमसीसी द्वारा पारदर्शी तरीके से की जाती है।” बोर्ड ने छात्रों को सलाह दी है कि किसी भी संदिग्ध कॉल या मैसेज पर ध्यान न दें और तुरंत साइबर क्राइम सेल या पुलिस को रिपोर्ट करें। साथ ही, एडमिशन से जुड़ी कोई भी जानकारी केवल आधिकारिक चैनलों—जैसे nbe.edu.in या mcc.nic.in—से ही वेरिफाई करें।
एनबीईएमएस ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर लीक के सोर्स का पता लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कई छात्रों की शिकायतों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, और साइबर क्राइम अथॉरिटीज जांच में जुटी हैं।

जांच और आगे की कार्रवाई: पारदर्शिता पर सवाल
यह घटना एनईईटी पीजी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर रही है। सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही परीक्षा की ट्रांसपेरेंसी और आंसर की रिलीज को लेकर याचिकाएं लंबित हैं, जिनकी सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि डेटा प्रोटेक्शन कानूनों को और सख्त करने की जरूरत है। काउंसलिंग शेड्यूल में देरी के कारण पहले से ही छात्र परेशान हैं—एमसीसी को मिड-अक्टूबर तक तारीखें घोषित करने की उम्मीद है।

व्यापक प्रभाव: मेडिकल एडमिशन सिस्टम पर खतरा
इस लीक से न केवल छात्रों की प्राइवेसी खतरे में है, बल्कि पूरे मेडिकल एडमिशन सिस्टम की विश्वसनीयता पर असर पड़ रहा है। भारत में 74,306 पीजी सीटें उपलब्ध हैं, लेकिन ऐसे घोटालों से योग्य उम्मीदवारों को नुकसान हो सकता है। डॉक्टर्स एसोसिएशंस ने मांग की है कि एनबीईएमएस एक इंडिपेंडेंट ऑडिट सिस्टम लागू करे। छात्रों से अपील है कि फर्जी ऑफर्स से बचें और आधिकारिक अपडेट्स का इंतजार करें।

यह मामला मेडिकल शिक्षा की अखंडता को बचाने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग करता है। छात्र अपनी तैयारी पर फोकस रखें, लेकिन सतर्क रहें। अधिक जानकारी के लिए एनबीईएमएस की वेबसाइट चेक करें।

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