NDA’s historic victory news: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने एक बार फिर एनडीए को ऐतिहासिक जीत की सौगात दी है। 243 सीटों वाली इस सभा में एनडीए ने दो तिहाई से अधिक बहुमत हासिल कर लिया है, जबकि महागठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा। रुझानों के अनुसार, एनडीए 195 से अधिक सीटों पर आगे चल रहा है, जिसमें भाजपा, जेडीयू और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (एचएएम) का प्रमुख योगदान है।
वहीं, आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन मुश्किल से 42 सीटों तक सिमट गया। इस जीत को ‘सुशासन की वापसी’ बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कार्यकर्ताओं को बधाई दी, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ‘विकास की जीत’ करार दिया।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, मतगणना सुबह 8 बजे शुरू हुई और दोपहर तक स्पष्ट तस्वीर सामने आ गई। एनडीए को महिलाओं, ओबीसी और ईबीसी वोटरों का मजबूत समर्थन मिला, जो एग्जिट पोल के अनुमान से भी आगे साबित हुआ। जेडीयू को करीब 80 सीटें, भाजपा को 90 और एलजेपी (रा) को 25 से अधिक सीटें मिलने का अनुमान है। महागठबंधन में आरजेडी को 35-40 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस का खाता खुलना मुश्किल नजर आ रहा है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को भी अपेक्षित सफलता नहीं मिली, जिस पर सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ गई।
सोशल मीडिया पर मीम्स की बौछार, विपक्षी नेता निशाने पर
एनडीए की जीत के साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर हंसी-मजाक और मीम्स का दौर शुरू हो गया। ‘पंचायत’ सीरियल के डांस सीन से लेकर ‘3 इडियट्स’ के संवादों तक, यूजर्स ने तेजस्वी यादव, राहुल गांधी और प्रशांत किशोर पर तंज कसे। एक वायरल मीम में तेजस्वी को ‘हार की तैयारी’ करते दिखाया गया, जबकि कांग्रेस को ‘अटेंडेंस लगाने’ वाली पार्टी कहा गया। एनडीए समर्थकों ने #BiharElection2025 और #NDABackInBihar जैसे हैशटैग्स से जश्न मनाया।
सुप्रिया श्रीनेत पर ट्रोलिंग का तूफान
इस बीच, कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत सोशल मीडिया ट्रोलिंग का प्रमुख निशाना बन गईं। चुनाव से पहले श्रीनेत ने कई बयानों में एनडीए पर हमला बोला था। 9 नवंबर को उन्होंने एक वीडियो पोस्ट कर कहा था, “बिहार की जनता बदलाव चाहती है, वो एनडीए सरकार से थक चुकी है। जनता उनके बहकावे में नहीं आएगी।” इसी तरह, 12 नवंबर को उन्होंने एग्जिट पोल पर सवाल उठाते हुए दावा किया, “मतदान का अधिकार मैनिपुलेट किया गया, महागठबंधन सरकार बनाएगा।” 1 नवंबर को बेगूसराय में रैली के दौरान उन्होंने एनडीए के ‘10 हजार रुपए’ वादे पर तंज कसा, “ये पैसा लो लेकिन वोट मत दो।”
नतीजों के बाद ये बयान यूजर्स के निशाने पर आ गए। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर #SupriyaShrinetTroll और #BiharLessons जैसे ट्रेंड्स चले, जहां मीम्स में उन्हें ‘भविष्यवाणी गलत’ और ‘ट्रोल क्वीन’ कहा गया। एक यूजर ने लिखा, “सुप्रिया जी, बिहार ने सबक सिखाया, लेकिन गलत पक्ष को!” एक अन्य पोस्ट में पुराने वीडियो क्लिप्स शेयर कर ट्रोल किया गया, जहां उनकी हार की भविष्यवाणी को चिढ़ाया गया। हालांकि, कुछ समर्थकों ने इसे ‘ट्रोल आर्मी का प्रोपगैंडा’ बताया, लेकिन ट्रेंडिंग टॉपिक्स में श्रीनेत का नाम टॉप पर रहा।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं: जश्न vs निराशा
एनडीए खेमे में जश्न का माहौल है। भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा, “महागठबंधन के दावे खोखले साबित हुए।” वहीं, विपक्ष में तेजस्वी यादव ने हार स्वीकार करते हुए कहा, “हम मजबूत विपक्ष बनेंगे।” कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बूथ-स्तरीय ‘साजिशों’ का आरोप लगाया, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं पेश किया। विशेषज्ञों का मानना है कि एनडीए की जीत विकास योजनाओं, जैसे पीएम आवास, उज्ज्वला और आयुष्मान भारत, का नतीजा है, जो ग्रामीण वोटरों को जोड़ गईं।
यह जीत बिहार की राजनीति में नया अध्याय जोड़ती है, जहां सुशासन और विकास के वादे एक बार फिर सत्ता में लौट आए। सोशल मीडिया की यह ट्रोलिंग राजनीतिक बहस का नया रूप बन चुकी है, जो नतीजों को और रोचक बना रही है।

