महिला आरक्षण और महिला सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार यानी मोदी सरकार बेहद संवेदनशील है और गंभीर है लेकिन आज भी देश में हर घंटे 51 महिलाओं के साथ अपराध हो रहा है, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा केवल कागजी फॉर्मेलिटी लगने लगा है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो एनसीआरबी (NCRB) के ताजा आंकड़े जिससे साबित हो रहा है। देश में महिलाओं के साथ अपराध बढ़ते जा रहे हैं।
एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट सामने आई है जिसमें 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 4 लाख 45 हजार 256 मामले दर्ज किए गए 2021 में यह आंकड़ा 4लाख 28 हजार 278 था। यानी चार फीसदी अधिक। रिपोर्ट बताती है कि महानगरों में स्थिति बेहद चिंताजनक है। 2022 में 58लाख 24000 संज्ञेन अपराध हुए जो 2021 के मुकाबले 271000 काम है। गिरावट के पीछे आईपीसी की धारा 188 में महज 68000 मामले दर्ज होना भी एक कारण बताया जा रहा है। रिपोर्ट में पता चला है कि गाजियाबाद अहमदाबाद बेंगलुरु चेन्नई कोयंबटूर दिल्ली हैदराबाद इंदौर जयपुर कानपुर कोचिन कोलकाता जैसे महानगर महिला सुरक्षा के लिए लिहाज से संवेदनशील हो गए हैं। महिलाओं की हत्या के सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश में है। यूपी में 3491 मामले दर्ज किए गए फिर बिहार में 2930, महाराष्ट्र में 2295, मध्य प्रदेश में 1978, राजस्थान में 1834 हत्याएं दर्ज की गई है। वैसे देखा जाए तो हर रोज करीब 78 हत्याएं हो रही है। देश भर में हर घंटे में 19 आत्महत्या भी होती है। राजनीति में महिलाओं की सक्षमता की बात करें और सशक्तिकरण की बात करें तो कुछ बेहतर हो रहा हैं।