बिहार के नवादा में पोस्टर विवाद, बीजेपी-कांग्रेस के बीच तीखी नोकझोंक, पुलिस ने संभाला मोर्चा

Nawada/Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच नवादा के हिसुआ में मंगलवार को विश्व शांति चौक पर एक पोस्टर विवाद ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ से ठीक पहले और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 22 अगस्त को गया में प्रस्तावित सभा के मद्देनजर, बीजेपी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच पोस्टर लगाने को लेकर तीखी झड़प हुई। इस घटना ने स्थानीय स्तर पर राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, हिसुआ में विश्व शांति चौक पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के प्रचार के लिए पोस्टर लगाए। आरोप है कि इन पोस्टरों को बीजेपी कार्यकर्ताओं ने हटाकर अपने पोस्टर लगा दिए, जिसमें पीएम मोदी की सभा का प्रचार था। इस बात को लेकर दोनों दलों के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। बीजेपी के पूर्व विधायक अनिल सिंह और कांग्रेस विधायक नीतू सिंह के समर्थकों के बीच नोकझोंक बढ़ी, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने “राहुल गांधी मुर्दाबाद” के नारे लगाए, जबकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इसका जवाब अपने नारों से दिया। विवाद बढ़ता देख पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। नवादा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बीजेपी के पूर्व विधायक अनिल सिंह को हिरासत में लिया, जिसके बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखी गई।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
नवादा के एसपी अभिनव धीमान ने बताया कि विश्व शांति चौक पर स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया है और किसी भी तरह के हंगामे को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि विवाद की शुरुआत कैसे हुई। शांति भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
राजनीतिक दलों का वार-पलटवार
इस घटना ने बीजेपी और कांग्रेस के बीच सियासी जंग को और हवा दे दी। बीजेपी नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और राजद ने मिलकर बीजेपी कार्यकर्ताओं को रोका और उनके पोस्टर हटाए, जिससे तनाव पैदा हुआ। उन्होंने कहा, “यह विपक्ष की हताशा है, क्योंकि जनता बीजेपी के साथ है।”
वहीं, कांग्रेस ने पलटवार करते हुए बीजेपी पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया। कांग्रेस विधायक नीतू सिंह ने कहा, “हमारी यात्रा जनता के अधिकारों के लिए है, लेकिन बीजेपी डरी हुई है और इस तरह की हरकतों से हमें रोकना चाहती है।”
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी इस मुद्दे पर बीजेपी और जदयू सरकार को घेरा। राजद ने पहले भी आरोप लगाया था कि तेजस्वी यादव के पोस्टरों को चुनिंदा तरीके से हटाया जा रहा है, जबकि नीतीश कुमार के प्रचार पोस्टरों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
चुनावी माहौल पर असर
स्थानीय लोग इस घटना को सियासी रंजिश का हिस्सा मान रहे हैं, जो बिहार विधानसभा चुनाव से पहले माहौल को और गर्म कर सकता है। विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं दोनों दलों के लिए जनता के बीच अपनी स्थिति मजबूत करने का मौका दे सकती हैं, लेकिन यह शांति और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है।
निष्कर्ष
नवादा का यह पोस्टर विवाद एक छोटी सी घटना से शुरू होकर अब पूरे बिहार में चर्चा का विषय बन गया है। पुलिस की जांच और दोनों दलों के बीच चल रहे वार-पलटवार से यह साफ है कि चुनाव से पहले सियासी तनाव अपने चरम पर है।

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