रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज शाम भारत पहुंच रहे हैं। यह उनकी यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पहली भारत यात्रा है, जो 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्योते पर हो रही इस दो दिवसीय यात्रा में रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा होगी। भारत में इस यात्रा को लेकर व्यापक उत्साह है, लेकिन नवंबर में हुए दिल्ली धमाकों के बाद सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व स्तर पर चाक-चौबंद किया गया है।
यात्रा का एजेंडा
पुतिन का यह दौरा भारत-रूस संबंधों को नई गति देने वाला माना जा रहा है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है, जो 2024 में 63.6 अरब डॉलर तक पहुंच चुका था। रक्षा क्षेत्र में एस-400 मिसाइल सिस्टम की अतिरिक्त खरीद, ब्रह्मोस मिसाइल के नए वेरिएंट और एसयू-57 स्टील्थ फाइटर जेट्स पर तकनीकी हस्तांतरण की चर्चा होगी। ऊर्जा क्षेत्र में रूसी तेल की छूट पर डील और रुपया-रूबल व्यापार को मजबूत करने पर फोकस रहेगा। विदेश मंत्रालय के अनुसार, यात्रा के दौरान 10 से अधिक अंतर-सरकारी समझौते और 15 व्यावसायिक करार पर हस्ताक्षर होंगे।
पुतिन मोदी के साथ अनौपचारिक डिनर में मिलेंगे, राष्ट्रपति भवन में स्वागत होगा और राजघाट पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। रूसी मीडिया आरटी इंडिया का लॉन्च भी होगा, जिसमें पुतिन खुद शामिल होंगे।
भारत में उत्साह का माहौल
भारत भर में पुतिन की यात्रा को लेकर जबरदस्त उत्साह है। सोशल मीडिया पर #PutinIndiaVisit और #IndiaRussia टैग ट्रेंड कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थानीय लोगों ने गंगा आरती कर पुतिन का स्वागत किया और मार्च निकाला। दिल्ली में तीन मूर्ति मार्ग पर फ्लेक्स बोर्ड लगे हैं, रूसी झंडे लहरा रहे हैं। बिहार मूल के रूसी विधायक अभय सिंह ने कहा, “यह यात्रा बहुपक्षीय दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है। अन्य देश भी इसे देख रहे हैं।”
मीडिया कवरेज भी चरम पर है। विदेश मंत्रालय ने पत्रकारों के लिए विशेष पास जारी किए हैं, जो पहली बार हो रहा है। केंद्रीय मंत्री रंधीर जायसवाल ने ट्वीट कर कहा, “भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के विभिन्न पहलुओं को हाइलाइट करते हुए। #Druzhbadosti।” विशेषज्ञों का मानना है कि यह यात्रा वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत की रणनीतिक स्वायत्तता को मजबूत करेगी।
दिल्ली धमाकों का साया
हालांकि उत्साह के बीच नवंबर 2025 के दिल्ली धमाके चिंता बढ़ा रहे हैं। 10 नवंबर को रेड फोर्ट के पास कार विस्फोट में 15 लोग मारे गए और 20 से अधिक घायल हुए। जांच में पाकिस्तान समर्थित जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का ‘व्हाइट-कॉलर’ मॉड्यूल सामने आया, जो 6 दिसंबर (बाबरी मस्जिद विध्वंस की वर्षगांठ) को छह शहरों में सीरियल ब्लास्ट की साजिश रच रहा था। कश्मीर लिंक की जांच चल रही है, चार और गिरफ्तारियां हुईं, जिनमें तीन डॉक्टर शामिल हैं।
इन घटनाओं के बाद पुतिन यात्रा के लिए दिल्ली को हाई अलर्ट पर रखा गया है। मल्टी-लेयर सिक्योरिटी ग्रिड तैनात है, जिसमें एंटी-ड्रोन गन्स, SWAT टीमें, स्निफर डॉग्स और बढ़ी फ्रिस्किंग शामिल है। पुतिन के लिए पांच स्तर की सुरक्षा परतें हैं, जिसमें स्नाइपर्स और रूसी सुरक्षा दल शामिल। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ट्रैफिक मैनेजमेंट और क्षेत्र सैनिटाइजेशन की निगरानी कर रहे हैं। इमरजेंसी मेडिकल टीम्स तैनात हैं, और किसी भी संभावित खतरे पर नजर रखी जा रही है।
वैश्विक संदर्भ
यूक्रेन युद्ध और अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच यह यात्रा रूस के लिए राहत है। पुतिन यूक्रेन शांति प्रयासों पर चर्चा करेंगे, जबकि भारत अपनी तटस्थता बनाए रखेगा। क्रीमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा, “भारत के ऐतिहासिक विकास में हम कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।”
यह यात्रा भारत-रूस संबंधों को नई ऊंचाई देगी, लेकिन सुरक्षा चुनौतियां बरकरार रहेंगी। पुतिन के आगमन पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।

