उत्पाद विभाग की टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि शराब माफिया पंजाब से लाई गई महंगी विदेशी शराब को जिले में छिपाकर रखे हुए हैं, ताकि चुनाव के दौरान इसे वोटरों के बीच बांटा जा सके। सूचना पर अमल करते हुए उत्पाद विभाग की संयुक्त टीम ने तुर्की थाना पुलिस के सहयोग से देर रात छापेमारी की। छापे में 830 कार्टन विदेशी शराब जब्त हुई, जो मुख्य रूप से प्रीमियम ब्रांड्स की बताई जा रही है।
जिले के उत्पाद पदाधिकारी ने बताया कि यह शराब पंजाब से ट्रकों के जरिए बिहार की सीमा पार कराकर लाई गई थी। माफिया चुनावी सीजन का फायदा उठाकर शराब को महंगे दामों पर बेचने की फिराक में थे। कार्रवाई के दौरान अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन पुलिस छापेमारी के बाद फरार तस्करों की तलाश में जुटी हुई है। विभाग ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और अन्य संभावित ठिकानों पर नजर रखी जा रही है।
यह घटना बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर चल रही तस्करी की जड़ों को उजागर करती है। पिछले एक महीने में राज्यभर में मद्य निषेध विभाग ने 5.15 लाख लीटर से अधिक शराब जब्त की है, जिसमें मुजफ्फरपुर जैसे सीमावर्ती जिलों में सबसे अधिक सक्रियता देखी गई। अहियापुर, मोतीपुर, कांटी और तुर्की जैसे इलाकों में शराब के बड़े स्टॉक की खबरें लगातार आ रही हैं। चुनाव आयोग के निर्देश पर विभाग ने बॉर्डर पर चेकपोस्ट सख्त कर दिए हैं, ताकि अवैध सामग्री का प्रवाह रोका जा सके।
स्थानीय निवासियों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है। एक ग्रामीण ने कहा, “चुनाव से पहले शराब का जहर फैलाने की कोशिशें आम हैं, लेकिन ऐसी सतर्कता से हमारा जिला सुरक्षित रहेगा।” पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में ऐसी छापेमारियां और तेज होंगी, ताकि निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित हो सके।
यह घटना बिहार की शराबबंदी नीति की मजबूती को परखने का एक और मौका है। विभाग ने चेतावनी जारी की है कि तस्करों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाई जाएगी।

