मुरादनगर और डासना भी बनेंगे नगर निगम

जिले में तेजी से होगा विकास, जल, सीवर और पथ प्रकाश की भी बेहतर होगी सुविधा
Ghaziabad news : खोड़ा और लोनी के बाद अब मुरादनगर और डासना नगर पंचायत को भी नगर निगम क्षेत्र में शामिल करने की तैयारी की जा रही है। दो सांसदों ने इन दोनों क्षेत्रों को भी नगर निगम सीमा में शामिल करने की कवायद शुरू कर दी है। इससे यहां का विकास भी तेजी से होगा। साथ ही जल, सीवर और पथ प्रकाश की भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
पिछले दिनों नमो ट्रेन के शुभारंभ से पहले इसका निरीक्षण करने पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा और लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने दोनों क्षेत्रों को नगर निगम में शामिल करने की मांग की थी।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी से इसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजने के निर्देश दिए थे। इसी कड़ी में जिला प्रशासन तैयारी कर रहा है। दोनों नगर पालिकाओं को नगर निगम में शामिल करने का प्रस्ताव प्रशासन की ओर से तैयार किया जा चुका है। इन दोनों नगर पालिका के साथ कनावनी को भी नगर निगम में शामिल किया जाएगा। इसके लिए नक्शा तैयार किया जा रहा है। अब खोड़ा और लोनी के साथ इस सीमा विस्तार में नगर पालिका मुरादनगर और नगर पंचायत डासना को भी शामिल करने का प्रस्ताव आया है। राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल अग्रवाल ने मुरादनगर क्षेत्र को तो केंद्रीय मंत्री एवं स्थानीय सांसद वीके सिंह ने डासना नगर पंचायत को नगर निगम की सीमा में शामिल करने बात कही है।

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नगर निगम गाजियाबाद ग्रेटर रखने की मांग
अब तक नगर निगम में 100 वार्ड हैं। खोड़ा और लोनी नगर पालिका को इसमें शामिल करने के बाद 150 वार्ड तक बनाने की योजना थी। लेकिन यदि मुरादनगर और डासना के क्षेत्र को इसमें शामिल किया गया तो यहां वार्डों की संख्या 200 या उससे ज्यादा भी हो सकती है। ऐसे नगर निगम का क्षेत्र काफी बड़ा होगा। जिसे नगर निगम गाजियाबाद ग्रेटर का नाम दिया जा सकता है।
मुरादानगर में 25 और डासना में हैं 15 वार्ड
मुरादनगर नगर पालिका में 25 वार्ड हैं। इसके साथ ही डासना नगर पंचायत में 15 वार्ड हैं। विधायक और सांसद के चुनाव के दौरान इन दोनों क्षेत्रों की काफी अहमियत रहती है। शहर से सटे इन दोनों क्षेत्र के लोग गाजियाबाद शहर की तरह ही अपने क्षेत्र में विकास चाहते हैं। मुरादनगर और डासना में चेयरमैन चुने जाते हैं। ऐसे में इनके नगर निगम में शामिल होने के बाद यहां के लोग भी मेयर को चुनेंगे। जिसके बाद इन क्षेत्रों के वार्डों का विकास भी शहर के वार्डों की तरह ही होगा।

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जोन की संख्या भी बढ़ेगी
अब तक नगर निगम पांच जोन में विभाजित है। सभी वार्डों में विकास जोन के अनुसार होता है। लोनी, खोडा, मुरादनगर और डासना शामिल होने के बाद निगम क्षेत्रफल बढ़ जाएगा। ऐसे में जोन को संख्या भी बढ़ानी होगी। विकास के कार्य और टैक्स की वसूली होगी।
फंड की जरूरत होगी
नगर निगम में 1700 करोड़ रुपये का बजट है। इन चारों नगर पालिका और पंचायत को शामिल करने के बाद बजट भी दो गुना हो जाएगा। ऐसे में नगर निगम 100 वार्डों में विकास कराने के लिए फंड के इंतजाम में जुटा रहता है। इनके शामिल होने के बाद ज्यादा फंड की जरूरत होगी।
क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि
1. ”डीएमई और ईस्टर्न पेरिफेरल बनने के बाद डासना में विकास लगातार हुआ है। गाजियाबाद की शहरी आबादी अब इस ओर बढ़ रही है। ऐसे में इस क्षेत्र के नगर निगम में शामिल किया जाना जरूरी है।’
वीके सिंह, केंद्रीय राज्यमंत्री एवं सांसद
2. ”मुरादनगर क्षेत्र में विकास की काफी जरूरत है। क्षेत्र के लोग महानगर जैसी सुविधाएं चाहते हैं। यदि नगर निगम क्षेत्र का विस्तार होता है तो उसे में पहली प्राथमिकता नगर पालिका मुरादनगर क्षेत्र को दी जानी चाहिए।
डॉ. अनिल अग्रवाल, राज्यसभा सांसद

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