नगर निकाय चुनाव:समस्याओं के समाधान पर घिरेगी गीता पंडित, अयूब मलिक की राह भी आसान नही
दादरी। नगर निकाय चुनाव को लेकर अब तस्वीर साफ हो रही है। भाजपा की ओर से एक बार फिर गीता पंडित पर भरोसा जताया है। चेयरमैन रहते हुए गीता पंडित ने क्या क्या समस्याएं सुलझाई है,अब जनता उन से हिसावब मांग सकती है। दादरी नगर में साफ-सफाई और पानी की निकासी न होने और सड़कों की हालत को लेकर लोगों में रोष भी है। पानी के लिए करोड़ों रुपये की टंकी लगाने पर भी एक दशक से पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पाई है। ऐसे में लोगों का कहना है कि उनका जनप्रतिनिधि ऐसा हो जो दादरी का चहुमुखी विकास कर सके। वही सपा से चुनावी मैदान आये अयूब मलिक की राह भी आसान नही होगी। नई आबादी के लिए गंज की और से जाने वाला रास्ता बंद होने बाद आमजन में अयुब मलिक की छवि पर सवाल उठे थे। इसके अलावा कई और भी कारण है जिनके चलते उनके सामने चुनौतिया ही चुनौतिया होगी।
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बोलती है जनता
दादरी के लोगों कहते है कि दो साल से ओवर ब्रिज के पास गड्ढा बना हुआ है, लेकिन आज तक नगर पालिका के अध्यक्ष और अधिकारी उसे दुरुस्त नहीं करा सके हैं। हर बार उसे ठीक करने के लिए काम किया जाता है। मगर 10 दिन बाद फिर से गड्ढा बन जाता है। बहुत सी कालोनियों में प्रदर्शन के बावजूद निवासियों को बिजली नहीं मिल पा रही है। इन सब हालातों को निकाय चुनाव से जोड़ते हुए वार्ड-12 की पिंक सिटी कॉलोनी में लोग रविवार को चर्चा करते दिखे। और सभी ने एक सुर में कहा कि ऐसे प्रत्याशी को ही वोट देंगे, जो विकास कार्य करा सकेगा। लोग कहते है कि दादरी जिले का सबसे पुराना कस्बा है, लेकिन यहां पर टंकी तो लग गईं, मगर आज तक पानी नहीं आया है।
करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद निवासियों को पानी के लिए हैंडपंप या सबमरसेबल का ही विकल्प है। वही दादरी रेलवे रोड पर ओवर ब्रिज के पास एक गड्ढा बना हुआ है, लेकिन नगर पालिका के अधिकारी उसे ठीक नहीं करा पाए। अब ऐसा जनप्रतिनिधी चाहिए जो दादरी की समस्याओं को दूर करा सके। इसके अलावा सबसे बड़ी समस्या गंदगी है। पर्याप्त कर्मचारी होने के बावजदू कस्बा की गालियों में पानी जमा रहता है। जरा सी बरसात होने पर कई-कई घंटे तक सड़कों पर पानी भरा रहता है। जो इन समस्याओं को दूर करेगा उसी को वोट देंगे।