Mumbai News: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा डब्बा ट्रेडिंग (अवैध ऑफ-एक्सचेंज ट्रेडिंग) पर रोक लगाने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं, लेकिन इस गैरकानूनी गतिविधि पर लगाम कसने में नियामक को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हाल के दिनों में, कई डब्बा ट्रेडिंग ऑपरेटर न केवल इस अवैध व्यापार को चला रहे हैं, बल्कि प्रमुख समाचार पत्रों के फ्रंट पेज पर विज्ञापन देकर इसका खुलेआम प्रचार भी करते नजर आ रहे है। यह स्थिति सेबी की निगरानी और नियंत्रण की प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल उठा रही है।
डब्बा ट्रेडिंग एक अवैध ट्रेडिंग प्रणाली है, जिसमें स्टॉक, कमोडिटी या डेरिवेटिव्स की खरीद-बिक्री स्टॉक एक्सचेंज के बाहर की जाती है। यह व्यापार अनियमित और अपारदर्शी होता है, जिसमें निवेशकों को झूठे रिटर्न का लालच देकर ठगा जाता है। सेबी ने इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त नियम बनाए हैं, क्योंकि यह न केवल निवेशकों के लिए जोखिम भरा है, बल्कि वित्तीय बाजार की स्थिरता को भी गंभीर खतरे में डालता है।
हाल ही में, कुछ डब्बा ट्रेडिंग ऑपरेटरों द्वारा प्रमुख हिंदी और क्षेत्रीय समाचार पत्रों के मुख्य पन्ने पर विज्ञापन प्रकाशित करवाए हैं, जिसमें आसान मुनाफे और बिना किसी कागजी कार्रवाई के निवेश के वादे किए गए हैं। ये विज्ञापन सामान्य निवेशकों, खासकर ग्रामीण और छोटे शहरों के लोगों को आकर्षित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जो अक्सर ऐसी योजनाओं की वैधता की जांच नहीं करते।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई यूजर्स ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है। एक यूजर ने लिखा, “सेबी ने डब्बा ट्रेडिंग पर रोक लगाई है, लेकिन अखबारों के फ्रंट पेज पर इसका प्रचार हो रहा है। यह सेबी के नियंत्रण की पूरी तरह विफलता है।” एक अन्य यूजर ने सुझाव दिया कि ऐसे समाचार पत्रों की सदस्यता रद्द कर देनी चाहिए, जो अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं।
सेबी ने अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट पर भी बाजार में हेरफेर के आरोप में कार्रवाई की थी, जिसमें 4,843 करोड़ रुपये की राशि एस्क्रो खाते में जमा करने का आदेश दिया गया था। हालांकि, डब्बा ट्रेडिंग जैसे स्थानीय स्तर के अवैध व्यापार पर नियंत्रण अभी भी कमजोर दिखाई देता है। विशेषज्ञों का कहना है कि डब्बा ट्रेडिंग का प्रचार करने वाले विज्ञापनों पर तत्काल कार्रवाई की जरूरत है, ताकि निवेशकों को ठगी से बचाया जा सके।
सेबी और मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) ने निवेशकों को डब्बा ट्रेडिंग के खतरों के बारे में जागरूक करने के लिए कई अभियान चलाए हैं। MCX ने हाल ही में एक पोस्ट में कहा, “जो आसान दिखता है, वह अक्सर जोखिम भरा होता है। बिना कागजी कार्रवाई और आसान मुनाफे के वादे लाल झंडे हैं।” निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे केवल सेबी-पंजीकृत ब्रोकरों और एक्सचेंजों के माध्यम से ही निवेश करें।
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