मुंबई बम धमकी का मामला, अश्विनी कुमार गिरफ्तार, दोस्त फिरोज को फंसाने की साजिश का हुआ खुलासा

Noida/Mumbai News: मुंबई में बम धमाकों की फर्जी धमकी देने वाले अश्विनी कुमार को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस सनसनीखेज मामले में जांच के बाद पता चला कि अश्विनी ने अपने दोस्त फिरोज को फंसाने के लिए यह खतरनाक खेल रचा था। इस धमकी ने गणेशोत्सव के दौरान मुंबई में हड़कंप मचा दिया था, लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने सच्चाई को उजागर कर दिया। अगर यह साजिश उजागर न होती, तो एक बेकसूर व्यक्ति की जिंदगी बर्बाद हो सकती थी। यह मामला समाज में फर्जी आरोपों और बेगुनाहों की जिंदगी पर पड़ने वाले असर की गंभीर हकीकत को उजागर करता है।

धमकी का माजरा और पुलिस की कार्रवाई
मुंबई ट्रैफिक पुलिस के आधिकारिक व्हाट्सएप नंबर पर 5 सितंबर को एक धमकी भरा मैसेज आया, जिसमें दावा किया गया कि लश्कर-ए-जिहादी के 14 आतंकी मुंबई में घुस चुके हैं और 34 गाड़ियों में 400 किलो आरडीएक्स लगाकर बड़े धमाके की साजिश रच रहे हैं। मैसेज में यह भी कहा गया कि इस हमले में एक करोड़ लोगों की जान जा सकती है। यह धमकी गणेश विसर्जन से ठीक पहले आई, जिसके चलते शहर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया।

मुंबई पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और साइबर ट्रैकिंग के जरिए ये संदेश नोएडा से आया है ऐसा पता चला। मुंबई पुलिस ने नोएडा पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह से संपर्क किया, और नोएडा पुलिस की स्वाट टीम ने महज 4-5 घंटों में सेक्टर-79 की एक रिहायशी सोसाइटी से 51 वर्षीय अश्विनी कुमार सुप्रा को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके पास से सात मोबाइल फोन, तीन सिम कार्ड, छह मेमोरी कार्ड होल्डर, दो डिजिटल कार्ड और एक मेमोरी कार्ड बरामद किया, जो इस साजिश की गहराई को दिखाता है।

बदले की आग में रची साजिश
जांच में सामने आया कि अश्विनी ने यह फर्जी धमकी अपने पुराने दोस्त फिरोज को फंसाने के लिए भेजी थी। अश्विनी मूल रूप से बिहार के पाटलिपुत्र का रहने वाला है और पिछले पांच साल से नोएडा में ज्योतिषी और वास्तु सलाहकार के रूप में काम कर रहा था। 2023 में फिरोज ने पटना के फुलवारी शरीफ थाने में अश्विनी के खिलाफ एक मामला दर्ज करवाया था, जिसके चलते उसे तीन महीने जेल में बिताने पड़े। इस बात से गुस्साए अश्विनी ने फिरोज के नाम से मुंबई पुलिस को धमकी भेजी ताकि उसे फंसाया जा सके।
मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच और नोएडा पुलिस की संयुक्त कार्रवाई ने इस साजिश को विफल कर दिया। अश्विनी को गिरफ्तार कर मुंबई लाया गया है, जहां उससे गहन पूछताछ जारी है। वर्ली पुलिस स्टेशन में अश्विनी के खिलाफ भादवसं की धारा 351 (आपराधिक धमकी) सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस की प्रतिक्रिया
मुंबई पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की सराहना की है। मुंबई क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “धमकी की गंभीरता को देखते हुए हमने कोई जोखिम नहीं उठाया। तकनीकी जांच और नोएडा पुलिस के सहयोग से हमने 24 घंटे के भीतर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।” नोएडा के एडिशनल सीपी सुमित शुक्ला ने बताया, “हमारी स्वाट टीम ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपी को सेक्टर-113 से दबोच लिया। अब उसकी पृष्ठभूमि और मकसद की गहराई से जांच की जा रही है।”
मुंबई पुलिस ने गणेश विसर्जन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है। शहर में 36 डीसीपी, 51 एसीपी और 2637 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।

आम लोगों के बयान
इस घटना ने आम लोगों में डर के साथ-साथ गुस्सा भी पैदा किया है। मुंबई के एक निवासी रमेश पाटिल ने कहा, “ऐसी फर्जी धमकियां पूरे शहर को डर के माहौल में डाल देती हैं। गणेशोत्सव जैसे पवित्र मौके पर ऐसी हरकत शर्मनाक है। पुलिस ने सही समय पर कार्रवाई की, वरना एक बेकसूर व्यक्ति की जिंदगी बर्बाद हो सकती थी।”

नोएडा के सेक्टर-79 के रहने वाले अनिल शर्मा ने बताया, “यह सुनकर हैरानी हुई कि कोई ज्योतिषी ऐसा खतरनाक काम कर सकता है। ऐसे लोगों को सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि कोई और ऐसी साजिश रचने की हिम्मत न करे।”
सोशल मीडिया पर भी लोग इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “यह डरावना है कि कोई व्यक्तिगत दुश्मनी के लिए इतना बड़ा झूठ बोल सकता है। अगर पुलिस ने सच न उजागर किया होता, तो फिरोज जैसे बेगुनाह को जेल में डाल दिया जाता।”

समाज के लिए सबक
यह मामला समाज में फर्जी आरोपों और उनकी गंभीरता को उजागर करता है। कितने ही लोग व्यक्तिगत दुश्मनी या बदले की भावना में दूसरों को फंसाने के लिए झूठे मामले रच देते हैं, जिससे बेगुनाहों की जिंदगी बर्बाद हो जाती है। इस घटना ने एक बार फिर सवाल उठाया है कि ऐसी साजिशों को रोकने के लिए और सख्त कानून और जागरूकता की जरूरत है।
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें और अफवाहों पर ध्यान न दें। इस मामले ने यह भी दिखाया कि तकनीकी जांच और पुलिस की तत्परता से फर्जी साजिशों को समय रहते उजागर किया जा सकता है।

निष्कर्ष:
अश्विनी कुमार की गिरफ्तारी ने न केवल एक फर्जी धमकी की साजिश को सामने लाकर खड़ा किया, बल्कि यह भी दिखाया कि व्यक्तिगत दुश्मनी कितनी खतरनाक हो सकती है। मुंबई और नोएडा पुलिस की सतर्कता ने एक बेगुनाह को बर्बादी से बचा लिया, लेकिन यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि समाज में ऐसी कितनी साजिशें अभी भी छिपी हो सकती हैं, जिनका शिकार बेगुनाह लोग बन रहे हैं।

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