यूपी में सबसे ज्यादा नोएडा-ग्रेटर नोएडा में अधूरे पड़े हैं हाउसिंग प्रोजेक्ट, भटक रहे सवा लाख बायर्स
UP News: 2017 में सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिल्डर बायर्स की समस्या के समाधान के लिए मंत्रियों की कमेटी बनाई। जिन्होंने प्राधिकरण और बॉयर्स एसोसिएशन की समस्याओं को पूरी तवज्जो देते हुए सुना। दावा किया गया कि जल्द से जल्द समस्या का समाधान हो जाएगा लेकिन एक रिपोर्ट के अनुसार पूरे उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा हाउसिंग प्रोजेक्ट ग्रेटर नोएडा में लटके हैं। दूसरे नंबर पर नोएडा आता है, जबकि तीसरे नंबर पर गाजियाबाद है। रिपोर्ट के अनुसार कुल 378 हाउसिंग प्रोजेक्ट है जो रुके हुए है। रियल एस्टेट डाटा विश्लेषण फर्म प्रॉपइक्विटी की रिपोर्ट के अनुसार के नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ और आगरा में रुकी हुई 378 हाउसिंग प्रोजेक्ट में 1,45,880 यूनिट शामिल हैं। इनमें सवा लाख से अधिक घर नोएडा-ग्रेनो मे हैं। ग्रेटर नोएडा में 167 प्रोजेक्ट रुके हैं, जिनमें 74,645 इकाइयां हैं। नोएडा में 103 रुकी आवासीय प्रोजेक्ट में 41,438 इकाइयां, जबकि गाजियाबाद में 15,278 इकाइयों के साथ 50 परियोजनाएं रुकी हैं। इनके अलावा लखनऊ में 48 परियोजनाओं में 13,024 इकाइयां और आगरा में 10 परियोजनाओं में 1,495 इकाइयां रुकी हुई हैं। इससे आम नागरिकों के अपनी छत का सपना फिलहाल पूरा होता नजर नहीं आ रहा। इतना ही नहीं लोग वीरा कोर्ट और पुलिस मैं भी लगातार शिकायतें कर रहे हैं ताकि उनके उनके सपनों का आशियाना मिल सके मगर बिल्डरों ने किसी भी प्रकार से बॉयर्स को रिलीफ नहीं दिया है प्राधिकरण की ओर से लगातार कोशिश की जा रही है की जिन लोगों ने खून पसीने की कमाई लगाइए उनके उनका हक मिले।
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