देखिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कई क्षेत्रों में हिस्टरी क्रीएट की है। जहां सेटल विस्टा जैसे प्रोजेक्ट बनाकर नाम हमेशा के लिए इतिहास में लिखवा लिया। एक सबसे अहम हिस्टरी ये भी रहेगी कि पीएम मोदी के कार्यकाल में देश ने सबसे ज्यादा कर्ज लिया है। देश के 14 प्रधानमंत्रियों ने मिलकर 67 साल में कुल 55 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लिया मगर 9 साल में 100 लाख करोड़ से भी ज्यादा में भारात डूब चुका है।
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बात कर रहे है भारत पर बढते कर्ज की। दरअसल काग्रेस ने भी अलग अलग सस्थाओं के जरिये आकड़े एकत्र करने का दावा किया है। अब आकड़ों से पता चल रह है। कि 2014 में सरकार पर कुल कर्ज 55 लाख करोड़ रुपए था, जो अब बढ़कर 155 लाख करोड़ हो गया है।
बजट 2023, इकोनॉमिक सर्वे और संसद में वित्त मंत्री के जवाब से कांग्रेस के दावे पर नजर डाली जाए तो पता चलता है कि ये दावा सही है। भारत सरकार पर कितना कर्ज है, ये बात केंद्रीय सरकार ने बजट की आधिकारिक वेबसाइट पर बताया है। दैनिक भासकार में अनुराग आनद ने अपनी खबर में ये सभी तथ्य पुष्ट किये है। केंद्र सरकार के बताया है कि 31 मार्च 2023 तक भारत सरकार पर 155 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। अगले साल मार्च तक ये बढ़कर 172 लाख करोड़ रुपए तक हो सकता है।
इसके अलावा 20 मार्च 2023 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सांसद नागेश्वर राव के एक सवाल का लिखित जवाब दिया है। सांसद नागेश्वर राव ने सरकारी कर्ज के बारे में सवाल पूछा था। इसके जवाब में वित्त मंत्री सीतारमण ने भी कहा कि 31 मार्च 2023 तक भारत सरकार पर 155 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है।
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अब जानेंगे कि कितना बढा है कर्ज
2004 में जब मनमोहन सिंह की सरकार बनी तो भारत सरकार पर कुल कर्ज 17 लाख करोड़ रुपए था। 2014 तक तीन गुना से ज्यादा बढ़कर ये 55 लाख करोड़ रुपए हो गया। इस समय भारत सरकार पर कुल कर्ज 155 लाख करोड़ रुपए
स्रकार बताती है कि ये पैसा कहा जा रहा है।
2020 में आई कोरोना महामारी के बाद से भारत सरकार कई तरह की सब्सिडी दे रही है।
1. 80 करोड़ लोगों को हर महीने मुफ्त अनाज
2. करीब 10 करोड़ महिलाओं को उज्जवला योजना के तहत मुफ्त गैस सिलेंडर दिये जा रहे है
3. 9 करोड़ किसानों को सालाना 6 हजार रुपए
4. पीएम आवास योजना के तहत दो करोड़ लोगों को घर निर्माण करने को आर्थिक सहायता
अर्थशास्त्री बताते है कि 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने कई फ्रीबीज योजनाओं की शुरुआत की है। लोगों को मुफ्त की चीजें देने के लिए सरकार पैसा कर्ज पर लेती है। सब्सिडी, डिफेंस और इसी तरह के दूसरे सरकारी खर्चों की वजह से देश का वित्तीय घाटा बढ़ता है।
आपके मन में सवाल होगा कि कर्ज और मंहगाई का क्या रिश्ता है
देश पर कर्ज बढ़ने से महंगाई बढ़ती है। इस मामले में अर्थशास्त्री बताते है कि देश पर कर्ज बढ़ने का महंगाई से कोई सीधा संबंध नहीं है। सरकार कर्ज के पैसे को आय बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करती है। कर्ज का पैसा जब बाजार में आता है तो इससे सरकार का रेवेन्यू बढ़ता है। साथ ही उन्होंने कहा कि कर्ज के पैसे का गलत इस्तेमाल हो तो महंगाई बढ़ भी सकती है। जैसे- कर्ज लेकर पैसा आम लोगों में बांट दिया जाए तो लोग ज्यादा चीजें खरीदने लगेंगे। इससे बाजार में चीजों की मांग बढ़ेगी। मांग बढ़ने के बाद आपूर्ति सही नहीं रही तो चीजों की कीमत बढ़ेगी।
दुनिया में सबसे ज्यादा कर्ज लेने वाले देशों में जापान जैसे देश शामिल हैं। दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका भी कर्ज लेने के मामले में भारत से आगे है।
कर्ज में डूबा अमेरिका कंगाल होने से कुछ ही दिन दूर है। राष्ट्रपति जो बाइडेन इतने उलझे हैं कि उन्होंने 24 मई की ऑस्ट्रेलिया विजिट कैंसिल कर दी, जहां क्वाड मीटिंग होनी थी। वो ळ-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जापान के हिरोशिमा पहुंचे थे। वहीं चारों राष्ट्र प्रमुखों ने मिलकर क्वाड की बैठक भी कर ली।