दिल्ली विधानसभा में विधायक बने ‘छात्र’, ओम बिरला ने गुरुजी बन ली क्लास

दिल्ली विधानसभा में नए विधायकों के लिए दो दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने किया उद्घाटन
New Delhi News   दिल्ली विधानसभा में आज से नवनिर्वाचित विधायकों का ओरिएंटेशन कार्यक्रम शुरू हो गया। मुख्य अतिथि ओम बिरला की मौजूदगी में दिल्ली की जनता द्वारा चुने गए विधायकों की क्लास शुरू हुई। जैसे नई क्लास में जाने से पहले स्टूडेंट्स को आने वाले क्लास की चुनौतियों और नियमों को समझाया जाता है वैसे ही विधानसभा में 2 दिनों तक विधायकों को आने वाले 5 साल में विधायक के तौर पर कार्यक्षेत्र के नियम कानूनों को समझाया जाएगा।
लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि विधायक दक्षता हासिल करेगा, तो इसका लाभ दिल्ली को मिलेगा। दिल्ली की विधानसभा मॉडल हो, यहां चर्चा, विचार, मंथन हो, विधायकों की कार्य कुशलता बढ़े, तकनीकि का अधिकतम उपयोग हो, ये देश के लिए मॉडल हो सकती हैं, जिसे दूसरे राज्यों की विधानसभा मॉडल को अपनाएं।
दिल्ली एक मिनी भारत
ओम बिरला ने कहा कि सभी निर्वाचित सदस्यों को एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी और दायित्व दिल्ली की जनता ने दिया है। जिस भवन में बैठे हैं वह भवन आजादी के संघर्षों का साक्षी रहा है। दिल्ली के अंदर सभी राज्यों की विविधताएं हैं। दिल्ली को एक मिनी भारत के तौर पर देखा जाता है। इसलिए हमारी एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी बन जाती है कि आखिर उनकी अपेक्षाएं और आकांक्षाओं को कैसे पूरा किया जाए?

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नई सरकार से बड़ी अपेक्षा और आकांक्षाएं
आगे लोकसभा स्पीकर ने कहा, दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही, चर्चा और संवाद से लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत करना है। जिससे बाकी देश में एक नया संदेश जा सके। उन्होंने कहा नई सरकार से बड़ी अपेक्षा और आकांक्षाएं हैं। जब आकांक्षाएं ज्यादा होती है तो हमें काम भी इस दृष्टिकोण से करना होता है। जनता ने बड़ी जिम्मेदारी दी है, इस जिम्मेदारी को सदन के माध्यम से कैसे कर सकते हैं?
बेहतर टेक्नोलॉजी, बेहतर संवाद
ओम बिरला बोलें, हम किस तरीके से अलग-अलग सदन में होने वाली चचार्ओं में अपनी बात को कह सकते हैं, हमारी भाषा, हमारा विचार, हमारा दृष्टिकोण व्यापक देखें, यह होना चाहिए। आने वाले समय में दिल्ली विधानसभा की जितनी डिबेट हैं उसे डिजिटाइजेशन भी किया जाएगा। सदस्यों की कुशलता, क्षमता इसके लिए प्रबोधन कार्यक्रम भी महत्वपूर्ण होते हैं। उसके साथ बदलती परिस्थितियों के अंदर आप टेक्नोलॉजी का उपयोग करें, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करें, जितना अधिक हम टेक्नोलॉजी का उपयोग करेंगे उतना ही बेहतर संवाद कर पाएंगे। लेजिस्लेटिव ड्राफ्ट का अनुभव होना चाहिए। कई बार विधेयक में ड्राफ्टिंग में कमी होती है।

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विधानसभा का हर क्षण कीमती
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि आज हम मिलकर दिल्ली का इतिहास लिखने जा रहे हैं। दिल्ली की जनता का दिल जीत कर हम सदन के अंदर पहुंचे हैं यह हमारी बड़ी जिम्मेदारी है। दिल्ली ने हमें बहुत विश्वास के साथ यहां भेजा है इस विधानसभा का हर क्षण कीमती है। सदन का सम्मान करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। यहां इस कार्यक्रम में हर विषय पर हर बिंदु पर चर्चा होगी विधानसभा की कार्यवाही नियमों के साथ में सुंदर तरीके से चले व्यवस्थित चले इस कार्यक्रम में इसका ज्ञान मिलेगा। हमारे विधानसभा स्पीकर विजेंद्र गुप्ता को धन्यवाद देती हूं कि कार्यक्रम का आयोजन यहां पर किया जा रहा है।


सदन में बैठना बड़ी जिम्मेदारी
सदन में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने सभी विधायकों को बधाई देते हुए कहा कि दिल्ली की जनता ने हम 70 लोगों पर अपना भरोसा दिखाया और इस विधानसभा में अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजा है। इस सदन में बैठना सिर्फ एक गरिमा और गर्व की बात नहीं है, बल्कि इस सदन में बैठना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। आतिशी ने कहा कि इस सदन में लाला लाजपत राय, पंडित मदन मोहन मालवीय, मोतीलाल नेहरू, विट्ठल भाई पटेल इस सदन में बैठे थे, जिन्होंने भारत की आजादी की आवाज उठाई थी। आतिशी ने कहा कि हम सब इस सदन में जो कुछ कहते हैं, जनता की बात रखते हैं, वह आज ही नहीं, बल्कि सैकड़ो साल तक लोग उसे पढ़ेंगे और देखेंगे। हम सबको इस जिम्मेदारी के साथ इस सदन में बैठना है।

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