दीपक कुमार ने अपने इस्तीफे पत्र में सुरेश चंद शर्मा पर धमकी देने, गलत काम करवाने का दबाव बनाने और नौकरी से बर्खास्त करने की धमकी देने का आरोप लगाया है। खासकर चौंकाने वाला आरोप है कि शर्मा ने कुमार के घर में जबरन भैंस बांधने का दबाव बनाया, जो स्थानीय स्तर पर भ्रष्टाचार और दबंगई का प्रतीक माना जा रहा है। कुमार ने पत्र में लिखा, “मैंने कई बार प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब मैं मानसिक रूप से टूट चुका हूं और पद छोड़ने को मजबूर हूं।”
सूत्रों के अनुसार, यह घटना पिछले कुछ महीनों से चल रही थी। सुरेश चंद शर्मा, जो जेवर विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह के करीबी प्रतिनिधि के रूप में जाने जाते हैं, पर प्राधिकरण के अधिकारियों पर अनुचित दबाव बनाने का इल्जाम लग रहा है। वायरल व्हाट्सएप चैट्स में शर्मा के मैसेजेस दिखाए गए हैं, जहां वे कुमार को “गलत काम” करने के लिए उकसा रहे हैं और नौकरी पर असर डालने की धमकी दे रहे हैं। एक चैट में कथित तौर पर लिखा है, “अगर काम नहीं किया तो नौकरी गायब हो जाएगी।” ये चैट्स अब सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर हो रही हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर आक्रोश फैल गया है।
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “दीपक कुमार ने कई बार लिखित शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन विभागीय स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अब इस्तीफा वायरल होने के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं।” प्राधिकरण ने अभी तक आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन मामला गंभीर होने से उच्च स्तरीय जांच की संभावना है।
जेवर विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने इस मामले पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। ऐसा कहा जा रहा है की प्रतिनिधि सुरेश चंद शर्मा से भी संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह “राजनीतिक साजिश” हो सकती है, जबकि विपक्षी दलों ने इसे “दबंगई का नंगा नाच” करार दिया है। समाजवादी पार्टी के एक नेता ने कहा, “प्रदेश सरकार के विधायकों के प्रतिनिधि अब प्राधिकरणों पर कब्जा जमाने लगे हैं। ऐसी घटनाओं से विकास प्रभावित हो रहा है।”
यह घटना ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के लिए झटका है, जहां हाल ही में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आ चुके हैं। मई 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने 240 सफाईकर्मियों को बहाली और मुआवजे का आदेश दिया था, जबकि अप्रैल में छह अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की सिफारिश हुई थी। दीपक कुमार का इस्तीफा अब कर्मचारियों के बीच असुरक्षा की भावना पैदा कर रहा है।
स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। यदि यह आरोप साबित हुए, तो यह जेवर क्षेत्र की राजनीति में बड़ा भूकंप ला सकता है। प्राधिकरण ने कहा है कि जल्द ही स्पष्टीकरण जारी किया जाएगा।

