दिल्ली एमसीडी के चुनाव नतीजों की तस्वीर साफ हो चुकी है। दिल्ली में झाडू चली है जबकि कमल मुरझा गया है। 15 साल बाद एमसीडी भाजपा के हाथ से चली गई है। 250 में से आधी से ज्यादा सीटें आम आदमी पार्टी को मिलती दिख रही हैं। भाजपा और कांग्रेस ने इस चुनाव में अपनी जमीन खोई है। आइए जानते हैं कि यह चुनाव चर्चा में क्यों रहा और नतीजों के मायने क्या हैं|
इसके तीन कारण हैं। स्वाभाविक तौर पर पहला कारण यह है कि यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आता है। दूसरा- दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है, जो 2013 के बाद से यहां काफी मजबूत हुई है। तीसरा- दिल्ली नगर निगम आकार में बड़ा है। 2022-23 के लिए इसका बजट 15,276 करोड़ रुपये का है। क्षेत्रफल की बात करें तो एमसीडी का दायरा बृह्नमुंबई नगर निगम के मुकाबले तीन गुना ज्यादा है।