Breaking News: बसपा प्रमुख मायावती ने इमरान मसूद को पार्टी से बाहर कर दिया था। उन पर अनुशासनहीनता करने का आरोप है। पार्टी से निकाले जाने के बाद मायावती की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। मायावती ने आज यानी बुधवार को सोशल मीडिया पर लिखा कि बसपा से निकाले जाने पर सहारनपुर के पूर्व विधायक कांग्रेस और उस पार्टी के शीर्ष नेताओं की प्रशंसा में व्यस्त हैं, जिससे लोगों में यह सवाल स्वाभाविक है कि उन्होंने पहले यह पार्टी छोड़ी क्यों? फिर दूसरी पार्टी में गए ही क्यों? ऐसे लोगों पर जनता कैसे भरोसा करे?
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मायावती ने लिखा एनडीए और इंडिया गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, सांप्रदायिक, पैसे वालों के समर्थक और पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं। जिनकी नीतियों के विरुद्ध बसपा संघर्ष कर रही है। इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
बसपा विरोधियों के जुगाड़ जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनके गठबंधन से साल 2007 की तरह अकेले आगामी लोकसभा, चार राज्यों में विधानसभा का लडेगी। मगर मीडिया बार-बार भ्रांतियां न फैलाए। मायावती ने लिखा-वैसे तो बसपा से गठबंधन के लिए यहां सभी आतुर हैं, लेकिन ऐसा न करने पर विपक्षी द्वारा खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हैं। इनसे मिल जाएं तो सेक्युलर… न मिलें तो भाजपाई। यह घोर अनुचित और अंगूर मिल जाए तो ठीक… वरना अंगूर खट्टे हैं, की कहावत जैसी है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने लिखा-देश और दुनिया में रहने वाले सभी भारतीय भाई-बहनों और उनके परिवार वालों को रक्षाबंधन पर्व की हार्दिक बधाई, उनके खुशहाल जीवन की शुभकामनाएं।