घटना सीतापुर के खलीलाबाद इलाके स्थित एक प्राइवेट स्कूल से जुड़ी है। अभिभावकों के मुताबिक, स्कूल ने हाल ही में आयोजित स्लोगन प्रतियोगिता में छात्रों को चार्ट पेपर पर ‘आई लव मुहम्मद’ लिखने का निर्देश दिया। कई अभिभावकों ने बताया कि उनके बच्चे, जो हिंदू समुदाय से हैं, ने इस पर आपत्ति जताई, लेकिन शिक्षकों ने दबाव डालकर काम पूरा करवाया। एक अभिभावक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “यह धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है। स्कूल को न्यूट्रल रहना चाहिए, न कि किसी एक धर्म को बढ़ावा देना।”
शिकायत दर्ज होने के बाद सीतापुर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की। स्कूल मैनेजर और एक महिला शिक्षिका को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसपीपी (सिविल लाइंस) ने बताया कि मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 295-ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने) के तहत दर्ज किया गया है। पुलिस ने स्कूल से संबंधित दस्तावेज जब्त कर लिए हैं और अन्य संभावित आरोपियों की तलाश जारी है।
यह विवाद उत्तर प्रदेश में हाल के दिनों में ‘आई लव मुहम्मद’ पोस्टरों को लेकर फैले तनाव का हिस्सा लगता है। राज्य के अन्य जिलों जैसे बरेली और कानपुर में भी इसी तरह के पोस्टरों पर विरोध प्रदर्शन हुए थे, जो हिंसक रूप ले चुके हैं। बरेली में तो विरोध के दौरान लाठीचार्ज तक की नौबत आ गई थी। हालांकि, सीतापुर का मामला स्कूल शिक्षा से जुड़ा होने के कारण अधिक संवेदनशील है।
अभिभावक संगठनों ने स्कूल प्रबंधन पर सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का आरोप लगाया है। एक स्थानीय संगठन के प्रवक्ता ने कहा, “स्कूलों को बच्चों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। ऐसी घटनाएं समाज में नफरत फैला सकती हैं।” दूसरी ओर, कुछ अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन से माफी की मांग की है और दोषी शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की है।
पुलिस ने शांति बनाए रखने के लिए इलाके में फोर्स तैनात कर दी है। जिला प्रशासन ने स्कूलों को दिशानिर्देश जारी करने की योजना बनाई है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। इस मामले पर राजनीतिक दलों की भी प्रतिक्रिया आने लगी है, लेकिन फिलहाल फोकस जांच पर है।
यह घटना शिक्षा संस्थानों में धार्मिक संवेदनशीलता की आवश्यकता को रेखांकित करती है। अभिभावक और सामाजिक संगठन स्कूल से औपचारिक माफी और प्रभावित छात्रों को काउंसलिंग की मांग कर रहे हैं।

