Maharashtra: Debt-ridden farmer: साहूकारों के कर्ज के बोझ तले दबे किसान को कर्ज जुकाने के लिए बेचनी पड़ी किडनी

Maharashtra: Debt-ridden farmer: महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले से इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है। कर्ज के जाल में फंसे एक किसान को अवैध साहूकारों का कर्ज चुकाने के लिए अपनी किडनी तक बेचनी पड़ी। किसान का आरोप है कि महज 1 लाख रुपये का कर्ज चक्रवृद्धि ब्याज और रोजाना 10 हजार रुपये के जुर्माने से बढ़कर 74 लाख रुपये तक पहुंच गया।

पीड़ित किसान रोशन सदाशिव कुडे (36 वर्ष) चंद्रपुर जिले के मिंथुर गांव के रहने वाले हैं। उनके पास करीब 4 एकड़ जमीन है। खेती और डेयरी व्यवसाय के लिए उन्होंने स्थानीय साहूकारों से कुल 1 लाख रुपये (कई छोटे-छोटे कर्ज के रूप में) उधार लिया था। लेकिन फसल खराब होने और डेयरी में गायों की मौत से नुकसान हुआ, जिससे कर्ज चुकाना मुश्किल हो गया। लेकिन साहूकारों ने मानने से इंकार कर और इतना ही नहीं भारी ब्याज लगाना शुरू कर दिया।

रोशन ने कर्ज चुकाने के लिए अपनी जमीन, ट्रैक्टर और घर का कीमती सामान बेच दिया, लेकिन फिर भी कर्ज का बोझ कम नहीं हुआ। इसके बाद एक साहूकार ने उन्हें किडनी बेचने की सलाह दी। एजेंट के माध्यम से रोशन पहले कोलकाता गए, जहां मेडिकल जांच हुई। फिर उन्हें कंबोडिया ले जाया गया, जहां उनकी किडनी निकालकर करीब 8 लाख रुपये में बेची गई। इस रकम से भी कर्ज पूरी तरह नहीं उतरा और साहूकारों का तगादा जारी रहा।

रोशन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें किशोर बावनकुले, मनीष कालबंदे, लक्ष्मण उर्कुडे, प्रदीप बावनकुले, संजय बल्लारपुरे और लक्ष्मण बोरकर समेत 6 साहूकारों का नाम लिया। पुलिस ने महाराष्ट्र साहूकारी अधिनियम और जबरन वसूली (एक्सटॉर्शन) की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। चंद्रपुर पुलिस अधीक्षक सुदर्शन मुमक्का ने बताया कि अवैध साहूकारी के ठोस सबूत मिलने पर 4-5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल किडनी बिक्री से जुड़े मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम के तहत अलग से जांच नहीं हुई है, लेकिन मामले की गहराई से तफ्तीश जारी है।

यह घटना विदर्भ क्षेत्र में किसानों की बढ़ती कर्ज समस्या को उजागर कर रही है, जहां अवैध साहूकारी और ऊंची ब्याज दरें किसानों को आत्महत्या या ऐसी मजबूरियों तक धकेल रही हैं। विपक्षी नेता रोहित पवार ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि साहूकारों के अत्याचार के बावजूद सरकार सोती रही।

किसान संगठनों ने सरकार से अवैध साहूकारी पर सख्त कार्रवाई और किसानों के लिए कर्जमाफी जैसी योजनाओं को प्रभावी बनाने की मांग की है।

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