Maharajganj News: महराजगंज जिले के रुद्रपुर भलुही गांव के प्राथमिक विद्यालय को मर्ज करने के सरकारी फैसले के बाद बच्चे स्कूल गेट पर फूट-फूटकर रोने लगे। बच्चे अपने स्कूल को छोड़ने को तैयार नहीं थे और बार-बार कह रहे थे, “मैडम जी, गेट खोल दो… हम यहीं पढ़ेंगे, कहीं और नहीं जाएंगे।” इस मार्मिक दृश्य का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने लोगों के दिल को पिघला दिया।
सरकारी आदेश के तहत, रुद्रपुर भलुही के प्राथमिक विद्यालय को गांव से करीब एक किलोमीटर दूर करनौती प्राथमिक विद्यालय में मर्ज कर दिया गया है। शिक्षा विभाग का तर्क है कि यह कदम संसाधनों के बेहतर उपयोग और प्रशासनिक सुविधा के लिए उठाया गया है। इस स्कूल में केवल 40 बच्चे पढ़ते थे, और सरकारी नीति के अनुसार, 50 से कम बच्चों वाले स्कूलों को नजदीकी स्कूलों में मर्ज किया जा रहा है।
सोमवार को जब स्कूल की प्रधानाचार्य कुसुमलता पाण्डेय जरूरी कागजात लेने स्कूल पहुंचीं, तो बच्चों की भीड़ गेट पर जमा हो गई। स्कूल का ताला देख बच्चे अपनी शिक्षिका से लिपटकर रोने लगे। कुछ दिव्यांग बच्चों ने भी गेट खोलने की गुहार लगाई। बच्चों का कहना था कि वे अपने स्कूल को छोड़कर कहीं और नहीं जाना चाहते।
अभिभावकों ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि छोटे-छोटे बच्चों के लिए रोज एक किलोमीटर पैदल चलना मुश्किल होगा। इसके अलावा, करनौती स्कूल में शौचालय और दिव्यांग बच्चों के लिए सुविधाओं की कमी होने की शिकायत भी सामने आई है। अभिभावकों ने मांग की है कि जब तक नये स्कूल में सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो जातीं, तब तक पुराने स्कूल को बंद न किया जाए।
प्रधानाचार्य कुसुमलता पाण्डेय और अन्य शिक्षक भी बच्चों की भावनाओं को देखकर भावुक हो गए। कुसुमलता ने बताया कि उनके स्कूल में सोलर लाइट और शौचालय जैसी सुविधाएं थीं, जबकि करनौती स्कूल में ये सुविधाएं अपर्याप्त हैं। शिक्षकों को भी अब नए स्कूल में ड्यूटी करनी होगी, लेकिन वे बच्चों की परेशानी को देखकर चिंतित हैं।
शिक्षा विभाग का कहना है कि यह नीति संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए बनाई गई है। हालांकि, बच्चों और अभिभावकों की भावनाओं को देखते हुए अब सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार करेगी?
कावड़ियों को सुरक्षित रखने को पुलिस ने पहनाए हेलमेट, अपर पुलिस आयुक्त राजीव नायारण मिश्रा बोलें

