यह विवाद तब शुरू हुआ था जब इलैयाराजा ने फिल्म में इस्तेमाल किए गए अपने संगीत और साहित्यिक कार्यों के उपयोग पर आपत्ति जताई। उन्होंने अदालत में याचिका दायर की थी, जिसमें फिल्म के गानों ‘नूरु वरुशम’ और ‘करुथा मचन’ से उनके कार्यों को हटाने की मांग की गई थी। इलैयाराजा का तर्क था कि बिना उनकी अनुमति के इन गानों में उनके मूल संगीत का उपयोग किया गया है, जो कॉपीराइट उल्लंघन का मामला बनता है।
फिल्म ‘ड्यूड’ के निर्माता मिथ्री मूवी मेकर्स के साथ मिलकर इस मामले में अदालत पहुंचे थे। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के बीच बातचीत हुई और अंततः एक समझौता हो गया। समझौते के तहत, फिल्म निर्माताओं ने इलैयाराजा को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का वादा किया, जिसके बाद अदालत ने मामले को बंद करने का आदेश दिया।
इलैयाराजा, जिन्हें तमिल सिनेमा में ‘इसाई ग्यानी’ के नाम से जाना जाता है, ने अतीत में भी कई फिल्मों के खिलाफ कॉपीराइट के उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई की है। इस फैसले से संगीतकारों के अधिकारों को मजबूती मिलने की उम्मीद है। अदालत ने स्पष्ट किया कि समझौते के अनुसार कोई आगे की कार्रवाई नहीं होगी।
यह घटना कॉपीराइट कानूनों की महत्वपूर्णता को रेखांकित करती है, खासकर फिल्म उद्योग में जहां संगीत का उपयोग आमतौर पर विवादों का विषय बन जाता है।

