Madhya Pradesh: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने व्यापारियों-उद्योगपतियों के हित में की कई अहम् घोषणाएं
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Madhya Pradesh: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने व्यापारियों-उद्योगपतियों के हित में की कई अहम् घोषणाएं

Gwalior News। Madhya Pradesh: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh) ने रविवार को ग्वालियर अंचल के व्यापारिक-औद्योगिक विकास पर मध्यप्रदेश चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज ग्वालियर (Madhya Pradesh Chamber of Commerce and Industries Gwalior) द्वारा आयोजित संवाद कार्यक्रम में व्यापारियों एवं उद्योगपतियों के हित में कई घोषणाएं कीं। उन्होंने व्यापारियों की बहुप्रतीक्षित गार्वेज शुल्क को लेकर चल रही मांग पर इसका युक्तियुक्तिकरण करने की घोषणा की। इसके साथ ही सोना-चाँदी पर बढ़ाई गई एक्साइज ड्यूटी के विरोध में किए गए आंदोलन व प्रदर्शन के समय व्यापारियों पर दर्ज किए गए सभी मुकदमे वापस लेने की भी घोषणा की।

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CM Chauhan ने कार्यक्रम में व्यापारियों की अन्य मांगों को भी स्वीकार करते हुए उनके हित में घोषणा की। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, जल संसाधन मंत्री मंत्री तुलसीराम सिलावट, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, सभापति मनोज तोमर, भाजपा जिला अध्यक्ष अभय चौधरी, चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल, कोषाध्यक्ष संदीप नारायण अग्रवाल सहित चेम्बर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी एवं सदस्यगण उपस्थित थे।

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CM ने व्यापारियों की मांग पर ट्रांसपोर्ट नगर में उच्च गुणवत्ता की सीमेंट कंक्रीट बनाए जाने की मांग पर सड़कों के निर्माण हेतु धनराशि उपलब्ध कराने की भी घोषणा की। इसके साथ ही औद्योगिक क्षेत्र को संपत्तिकर मुक्त किए जाने की मांग पर उन्होंने कहा कि इसका परीक्षण कराया जाएगा और औद्योगिक क्षेत्र में व्यापारियों पर दो टैक्स न लगें, यह सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने ग्वालियर विकास प्राधिकरण द्वारा बनाए गए माधव प्लाजा में व्यापारियों से विलम्ब शुल्क न लिए जाने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने नगर निगम के नामांतरण को संपत्ति की रजिस्ट्री से जोड़ने की व्यवस्था भी होगी। इसके साथ ही प्रोफेशनल टैक्स के संबंध में शासन स्तर से गंभीरता से विचार किया जाएगा।

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मुख्यमंत्री ने चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण सुझावों के संबंध में कहा कि जल उपभोक्ताओं के बकाया बिलों के लिये विद्युत विभाग की तरह ही योजना बनाकर जल उपभोक्ताओं के लंबित बिलों का निराकरण किया जाएगा। इसके लिये आवश्यक हुआ तो कानूनों में भी प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2003 से पहले जहाँ मध्यप्रदेश का बजट 21 हजार करोड़ था, उसे बढ़ाकर हमने तीन लाख 14 हजार करोड़ रुपये किया है। इसी प्रकार पहले मध्यप्रदेश में 47 लाख हैक्टेयर में सिंचाई होती थी, अब 65 लाख हैक्टेयर में सिंचाई होती है। मध्यप्रदेश में हर क्षेत्र में विकास का परचम लहराया है।

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