London News: ब्रिटेन की एक ऐतिहासिक घटना में, स्टॉकवेल सिक्स के अंतिम सदस्य को लगभग 50 साल पुराने एक मामले में बरी किया गया। यह मामला 1970 के दशक का है, जब छह युवकों पर लंदन के स्टॉकवेल क्षेत्र में एक पुलिस अधिकारी पर हमला करने का आरोप लगा था । तभी से इस घटना को “स्टॉकवेल सिक्स” केस के नाम से जाना जाता है, जो उस समय नस्लीय भेदभाव और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाने वाला एक चर्चित मामला बन गया था।
हाल ही में, स्काई न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्टॉकवेल सिक्स के अंतिम जीवित सदस्य को कोर्ट ने बरी कर दिया। इस फैसले ने उस दौर की न्यायिक प्रक्रिया और पुलिस के रवैये पर फिर से बहस छेड़ दी है। इन छह युवकों पर 1972 में लंदन मेट्रोपॉलिटन पुलिस के एक सादे कपड़ों वाले अधिकारी पर हमले का आरोप लगा था। उस समय, इन युवकों को बिना ठोस सबूतों के दोषी ठहराया गया था, और इसे नस्लीय भेदभाव से प्रेरित मामला माना गया था।
कई दशकों तक चली कानूनी लड़ाई के बाद, नए सबूतों और समीक्षा के आधार पर कोर्ट ने अंतिम सदस्य को बरी करने का फैसला सुनाया। यह फैसला उन सभी के लिए एक बड़ी राहत है, जो इस मामले को ब्रिटिश न्याय व्यवस्था में सुधार की मांग के साथ जोड़कर देखते आ रहे हैं। इस मामले ने उस समय की सामाजिक और नस्लीय असमानताओं को उजागर किया था, और आज भी यह ब्रिटेन में नस्लीय न्याय और पुलिस सुधारों पर चर्चा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है।
इस फैसले के बाद, सामाजिक कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार संगठनों ने इसे ऐतिहासिक जीत करार दिया है। साथ ही, उन्होंने मांग की है कि ऐसे अन्य मामलों की भी दोबारा समीक्षा की जाए, जहां नस्लीय भेदभाव के आधार पर निर्दोष लोगों को सजा दी गई थी। यह घटना न केवल स्टॉकवेल सिक्स के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है कि न्याय में देरी, न्याय से वंचित होने के समान है।

