London News : विश्व की सबसे बड़ी पेय निर्माता कंपनी कोका-कोला ने ब्रिटेन की सबसे बड़ी हाई स्ट्रीट कॉफी चेन, कॉस्टा कॉफी को बेचने की योजना बनाई है। बताया गया है कि कोका-कोला ने 2018 में 3.9 बिलियन पाउंड (लगभग 5.1 बिलियन डॉलर) में अधिग्रहित इस कॉफी चेन को बेचने के लिए निवेश बैंक लैजर्ड के साथ मिलकर संभावित खरीदारों के साथ प्रारंभिक बातचीत शुरू की है।
पृष्ठभूमि और अधिग्रहण का उद्देश्य
कोका-कोला ने 2019 में व्हिटब्रेड पीएलसी से कॉस्टा कॉफी का अधिग्रहण किया था, जिसका उद्देश्य चीनी युक्त शीतल पेय पर निर्भरता कम करना और वैश्विक कॉफी बाजार में मजबूत उपस्थिति दर्ज करना था। उस समय, कोका-कोला के सीईओ जेम्स क्विंसी ने कहा था, “कॉस्टा हमें कॉफी के क्षेत्र में नई क्षमताएं और विशेषज्ञता प्रदान करता है, और हमारा सिस्टम कॉस्टा ब्रांड को विश्व स्तर पर बढ़ाने के अवसर पैदा कर सकता है।” अधिग्रहण के समय कॉस्टा के पास 32 देशों में लगभग 3,800 स्टोर और 8,000 वेंडिंग मशीनें थीं, जो इसे वैश्विक कॉफी बाजार में एक मजबूत मंच प्रदान करती थीं।
वर्तमान स्थिति और बिक्री की वजह
हालांकि, अधिग्रहण के छह साल बाद, कॉस्टा का प्रदर्शन अपेक्षाओं से कम रहा है। 2018 में कॉस्टा ने 1.3 बिलियन पाउंड का राजस्व अर्जित किया था, जो 2023 में घटकर 1.22 बिलियन पाउंड रह गया। इसके अलावा, वैश्विक कॉफी की कीमतों में उतार-चढ़ाव, विशेष रूप से अरेबिका कॉफी की कीमतों में 2023 में 1.50 डॉलर प्रति पाउंड से 2025 की शुरुआत में 4.30 डॉलर प्रति पाउंड तक की वृद्धि, ने कॉस्टा के मार्जिन पर दबाव डाला है।
कोका-कोला ने हाल ही में कॉस्टा को अपने यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका (EMEA) डिवीजन में एकीकृत किया है, जो यह संकेत देता है कि कंपनी तत्काल बिक्री की बजाय दीर्घकालिक रणनीति पर विचार कर रही हो सकती है। फिर भी, विश्लेषकों का मानना है कि कॉस्टा की बिक्री से कोका-कोला को 2 बिलियन पाउंड तक का मूल्य मिल सकता है, जो 2018 में भुगतान की गई राशि से काफी कम है और इससे कंपनी को अपने निवेश पर नुकसान हो सकता है।
बाजार की चुनौतियां और प्रतिस्पर्धा
कॉस्टा को अमेरिकी बाजार में विशेष रूप से कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है, जहां यह स्टारबक्स और डंकिन जैसे स्थापित ब्रांडों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में विफल रहा है। कोका-कोला ने अमेरिका में पारंपरिक कैफे के बजाय 250 स्मार्ट कैफे वेंडिंग मशीनों और रेडी-टू-ड्रिंक (RTD) कॉफी उत्पादों पर ध्यान केंद्रित किया है, लेकिन ये प्रयास बड़े पैमाने पर सफल नहीं हुए हैं। इसके विपरीत, भारत जैसे उभरते बाजारों में कॉस्टा ने 30.76% राजस्व वृद्धि के साथ बेहतर प्रदर्शन किया है, जो शहरी युवाओं में प्रीमियम कॉफी की बढ़ती मांग को दर्शाता है।
वैश्विक कॉफी बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और बदलते उपभोक्ता रुझानों ने भी कॉस्टा की चुनौतियों को बढ़ाया है। माचा, एनर्जी ड्रिंक्स और कार्यात्मक पेय जैसे वैकल्पिक पेय पदार्थों की बढ़ती लोकप्रियता ने कॉफी की मांग को प्रभावित किया है। राबोबैंक के अनुसार, 2025 में वैश्विक कॉफी की मांग में 0.5% की कमी आने का अनुमान है।
संभावित खरीदार और भविष्य की दिशा
कोका-कोला ने लैजर्ड के साथ मिलकर निजी इक्विटी फर्मों सहित संभावित खरीदारों के साथ प्रारंभिक बातचीत शुरू की है, और इस साल शरद ऋतु में प्रारंभिक ऑफर की उम्मीद है। हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि कॉस्टा की उच्च निश्चित लागत और अस्थिर आपूर्ति श्रृंखला के कारण खरीदारों को आकर्षित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। दूसरी ओर, भारत और एशिया-प्रशांत जैसे बाजारों में कॉस्टा की मजबूत उपस्थिति इसे कुछ निवेशकों के लिए आकर्षक बना सकती है।
निष्कर्ष
कॉस्टा कॉफी की संभावित बिक्री कोका-कोला की कॉफी क्षेत्र में रणनीति की समीक्षा को और घाटे ले जा रही है। कंपनी के लिए यह निर्णय महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह तय करेगा कि क्या वह कॉफी बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए निवेश बढ़ाएगी या इस व्यवसाय से बाहर निकलकर अपने मुख्य पेय पदार्थों पर ध्यान केंद्रित करेगी। इस प्रक्रिया का परिणाम न केवल कोका-कोला के लिए, बल्कि वैश्विक कॉफी उद्योग के लिए भी महत्वपूर्ण होगा, जो पहले से ही बढ़ती लागत और बदलते उपभोक्ता रुझानों से जूझ रहा है।
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