Lok Sabha Election 2024: 150 से ज्यादा मौजूदा सांसदों को नही मिलेंगा टिकट,जानें कौन कौन से है सांसद
लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) की तैयारी में वैसे तो सभी पार्टियां जुटी है लेकिन भाजपा ने कई कदम आगे बढते हुए टिकट देने की राणनीति तैयार की है। हालांकि भाजपा एक साथ कई फॉर्मूलों पर काम कर रही है। भाजपा में मौजूदा सांसदों के टिकट काटने से लेकर नए चेहरों को मौका देने पर मंथन हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी आजादी के 100वें साल तक संसद में युवा प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए काम कर रही है। चुनाव में भाजपा 150 से अधिक नए उम्मीदवार उतार सकती है। इनमें 41 से 55 साल की उम्र के उम्मीदवार की संख्या ज्यादा होगी।
भाजपा के एक महासचिव कहते है कि पहली लोकसभा में 26 फीसदी सदस्यों की उम्र 40 से कम थी। बाद में संसद में युवा प्रतिनिधित्व कम होता चला गया। लोकसभा में तीन से 11 बार तक चुनाव जीतने वाले सांसदों की संख्या में बढौतरी होती चली गई। इसे देखते हुए पार्टी दो या इससे अधिक बार लोकसभा चुनाव जीत चुके नेताओं में से ज्यादातर को संगठन की जिम्मेदारी देने जा रही है।
इसके अलावा कुछ नेताओं छोड़कर किसी को राज्यसभा दो बार से ज्यादा नहीं भेजा जाएगा। 80 प्रतिशत ऐसे लोगों को मौका मिलेगा जो कानून, चिकित्सा, विज्ञान, कला, आर्थिक मामले, तकनीक, पर्यावरण और भाषा के जानकार हों। दस सीट पर चुनाव हुए तो 2 ही ऐसे उम्मदीवार होंगे जो जातीय समीकरण या संगठन में योगदान के लिहाज से महत्वपूर्ण होंगे।
बढेंगे युवा तो बदलेगी सोच
देश में 65 प्रतिशत से ज्यादा युवा हैं, ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनका प्रतिनिधित्व संसद मे भी बढ़ाना चाहते हैं। अगर एक शख्स को लगातार लोकसभा का टिकट मिलता है तो उसके साथी कार्यकर्ता चुनावी राजनीति से बाहर हो जाते हैं। इसलिए कुछ खास मौकों को छोड़कर किसी एक कार्यकर्ता को 2-3 बार से ज्यादा लोकसभा का प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं दिया जाए। इससे नए लोगों को मौका मिलेगा।
60 से 70 साल की उम्र वालों पर फैसले का इंतजार
यदि लोकसभा सांसदों की उम्र की बात करें तो दो सांसद ऐसे हैं, जिनकी उम्र 80-90 वर्ष बीच हो गई है। वहीं, सबसे ज्यादा 110 सांसद ऐसे हैं जिनकी उम्र 60-70 वर्ष के बीच है। युवा प्रतिनिधित्व की बात करें तो 13 सांसद ऐसे हैं जिनकी उम्र 30 से 40 साल के बीच है। वही, लोकसभा में भाजपा के 135 सदस्य पहली बार और 97 दूसरी बार चुनाव जीते हैं। जबकि मेनका गांधी और संतोष गंगवार लगातार 8वीं बार और डॉ. वीरेंद्र कुमार 7वीं बार लोकसभा में हैं। इसके अलावा आठ सांसद छठी बार, 11 सांसद 5वीं बार, 19 सांसद चैथी बार और 28 सांसद तीसरी बार जीते हैं।