Lok Sabha: नई दिल्ली: लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई के नेतृत्व में पार्टी के 70 सांसदों ने बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। कांग्रेस सांसदों ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी को बोलने नहीं दिए जाने का मुद्दा उठाया और अपनी नाराजगी जाहिर की। कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल, लोकसभा में पार्टी के सचेतक मणिकम टैगोर समेत 70 सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष से विरोध जताया। सांसदों का कहना था कि राहुल गांधी जब भी बोलने के लिए खड़े होते हैं, उन्हें रोका जाता है, जो संसदीय परंपराओं के खिलाफ है।
Lok Sabha:
राहुल गांधी का बयान – “लोकतंत्र की जगह नहीं बची”
संसद भवन परिसर में राहुल गांधी ने मीडिया से कहा, “लोकसभा अध्यक्ष ने मेरे बारे में कुछ कहा, लेकिन जब मैं खड़ा हुआ तो वे उठकर चले गए और सदन स्थगित कर दिया। मैंने कुछ नहीं किया, मैं शांति से बैठा था। लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों की जगह होती है, लेकिन यहां लोकतंत्र की जगह नहीं बची है।”
गौरव गोगोई का आरोप – “यह साजिश है”
गौरव गोगोई ने सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए कहा, “हम चाहते हैं कि सदन चले, लेकिन यह एक साजिश है ताकि माहौल खराब हो। संसदीय परंपरा हमें सिखाती है कि सदन सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों का होता है, लेकिन जब भी नेता विपक्ष राहुल गांधी बोलना चाहते हैं, उन्हें नियमों का हवाला देकर चुप करा दिया जाता है।”
“भाजपा के सांसदों को खुली छूट, विपक्ष पर पाबंदी”
गोगोई ने कहा कि भाजपा के मंत्री और सांसद जब चाहें बोल सकते हैं, लेकिन विपक्ष को बोलने नहीं दिया जाता। “जब हम दिल्ली उच्च न्यायालय के जज से जुड़े मामले में स्थगन प्रस्ताव लेकर आए, तो उसे खारिज कर दिया गया, लेकिन संसदीय कार्य मंत्री को झूठे आरोप लगाने का पूरा मौका दिया गया।”
कांग्रेस ने उठाई लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा की मांग
कांग्रेस सांसदों का आरोप है कि सरकार विपक्ष को दबाने की रणनीति अपना रही है और संसदीय परंपराओं को तोड़ा जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि लोकतांत्रिक परंपराओं का सम्मान करते हुए नेता विपक्ष को अपनी बात रखने दी जाए।