एलआईसी के तिमाही लाभ में वृद्धि दर्ज, उच्च प्रीमियम से मिल रही मदद

LIC News: भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी, लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एलआईसी) ने हाल ही में अपनी तिमाही वित्तीय नतीजों की घोषणा की, जिसमें उच्च प्रीमियम आय के कारण लाभ में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। कंपनी ने 31 मार्च, 2025 को समाप्त तिमाही के लिए 38% की वृद्धि के साथ 19,013 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही में 13,763 करोड़ रुपये था। इस वृद्धि का मुख्य कारण कर्मचारी-संबंधी खर्चों में कमी और गैर-भागीदारी (नॉन-पार्टिसिपेटिंग) उत्पादों पर बढ़ता ध्यान।

एलआईसी की कुल आय इस तिमाही में 2,41,625 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही में 2,50,923 करोड़ रुपये थी। हालांकि, नेट प्रीमियम आय में 3% की गिरावट देखी गई, जो 1,48,000 करोड़ रुपये रही। इसके बावजूद, नवीकरण प्रीमियम (रिन्यूअल प्रीमियम) में वृद्धि हुई, जो 79,138 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जबकि पिछले वर्ष यह 77,368 करोड़ रुपये थी। प्रथम वर्ष के प्रीमियम में कमी देखी गई, जो 11,069 करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले वर्ष यह 13,810 करोड़ रुपये थी।

एलआईसी के चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती ने कहा, “वित्त वर्ष 2024-25 हमारे लिए रोमांचक और चुनौतीपूर्ण रहा। नियामकीय परिवर्तनों के अनुरूप हमने अपने उत्पादों को फिर से डिज़ाइन किया और प्रीमियम आकार में बदलाव किया। हमारा ध्यान लाभकारी वृद्धि पर है, न कि केवल बाजार हिस्सेदारी पर।”

कंपनी ने उच्च मार्जिन वाले गैर-भागीदारी उत्पादों पर ध्यान केंद्रित किया, जिसका हिस्सा मार्च 2025 तक 27.69% हो गया, जो एक साल पहले 18.32% था। इसके परिणामस्वरूप, नए व्यवसाय का मूल्य (वैल्यू ऑफ न्यू बिजनेस, VNB) पूरे वित्त वर्ष के लिए 4.5% बढ़कर 10,011 करोड़ रुपये हो गया, और VNB मार्जिन 17.6% तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष 16.8% था।

एलआईसी की सॉल्वेंसी रेशियो, जो कंपनी की दीर्घकालिक वित्तीय दायित्वों को पूरा करने की क्षमता को दर्शाता है, भी सुधरकर 2.11 हो गया, जो पिछले वर्ष 1.98 था। कंपनी ने अपने शेयरधारकों के लिए 12 रुपये प्रति शेयर के अंतिम लाभांश की सिफारिश की है, जिसे आगामी वार्षिक आम बैठक (AGM) में शेयरधारकों की मंजूरी के अधीन रखा जाएगा।

एलआईसी ने स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में प्रवेश की योजना को भी रेखांकित किया। मोहंती ने बताया कि कंपनी किसी स्वास्थ्य बीमा कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने की प्रक्रिया में है, और इस पर अगले दो से तीन महीनों में बोर्ड द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

विश्लेषकों का मानना है कि कोविड-19 महामारी के बाद बीमा नीतियों के प्रति बढ़ती जागरूकता और नए उत्पादों के लॉन्च ने प्रीमियम आय को बढ़ावा दिया है। हालांकि, नियामकीय परिवर्तनों, जैसे कि पॉलिसी सरेंडर नियमों में बदलाव, ने प्रीमियम संग्रह पर कुछ दबाव डाला।

एलआईसी ने वित्त वर्ष 2025 के लिए 57.05% की प्रथम वर्ष प्रीमियम आय (FYPI) के आधार पर बाजार हिस्सेदारी बनाए रखी है, जैसा कि भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) द्वारा बताया गया है।

कंपनी ने इस वित्त वर्ष में इक्विटी में 1.85 लाख करोड़ रुपये और कॉरपोरेट बॉन्ड में 80,000 करोड़ रुपये का निवेश किया, जो इसकी मजबूत वित्तीय स्थिति को दर्शाता है।

एलआईसी की इस मजबूत प्रदर्शन ने निवेशकों और विश्लेषकों का ध्यान आकर्षित किया है, जो कंपनी की रणनीतिक पहल और बाजार नेतृत्व को सकारात्मक रूप से देख रहे हैं।

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