लैंडस्लाइड से माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर 30 की मौत, कई श्रद्धालु घायल, अब यात्रा स्थगित

Mata Vaishno Devi Yatra affected by landslide: जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर के यात्रा मार्ग पर देर रात यानी 26 अगस्त 2025 को दोपहर करीब 3 बजे अर्धकुवारी के पास इंद्रप्रस्थ भोजनालय के निकट भारी भूस्खलन हुआ। इस भीषण हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए हैं। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि बचाव कार्य तेजी से जारी है, लेकिन मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
हादसे की वर्तमान स्थिति
बता दें कि लगातार तीन दिनों से हो रही तेज बारिश के कारण जम्मू-कश्मीर में हालात गंभीर बने हुए हैं। भूस्खलन के बाद माता वैष्णो देवी यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है, और अर्धकुवारी से भवन तक का मार्ग पूरी तरह बंद कर दिया गया है। राहत और बचाव कार्य में एनडीआरएफ, सेना, पुलिस, और श्राइन बोर्ड के कर्मचारी लगे हुए हैं। घायलों को कटरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है। मौसम विभाग ने 27 अगस्त के लिए जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और बादल फटने की चेतावनी जारी की है, जिसके चलते प्रशासन हाई अलर्ट पर है।
जम्मू रेल मंडल में बाढ़ और भूस्खलन के कारण रेल यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सात हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने अपने रेल टिकट रद्द कराए हैं, और रेलवे ने आठ ट्रेनों को रद्द करने की घोषणा की है। अमरनाथ एक्सप्रेस, कामख्या-वैष्णो देवी एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों को मंगलवार को बीच रास्ते में रोकना पड़ा। रेलवे ने प्रभावित यात्रियों को रिफंड की सुविधा प्रदान की गई है।
लोगों के ये आ रही प्रतिक्रियाएं
हादसे के बाद श्रद्धालुओं और आमजन में दहशत का माहौल है। पंजाब के मोहाली की किरण, जो इस हादसे में घायल हुईं, ने बताया, “मैं दर्शन करके लौट रही थी, तभी अचानक लोग चिल्लाने लगे। पत्थर और मलबा तेजी से नीचे गिर रहा था। मैं किसी तरह सुरक्षित स्थान पर पहुंची, लेकिन घायल हो गई।” एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि उनके समूह के पांच में से तीन लोग घायल हुए हैं। सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें मलबा और चट्टानें मार्ग पर बिखरी हुई दिखाई दे रही हैं। कई लोग इस हादसे को प्राकृतिक आपदा के साथ-साथ प्रशासनिक लापरवाही से भी जोड़ रहे हैं, क्योंकि मौसम विभाग ने पहले ही भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी जारी की थी।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जताया दुख
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हादसे पर गहरा दुख जताते हुए स्थिति को “काफी गंभीर” बताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ग् पर लिखा, “मैं व्यक्तिगत रूप से हालात का जायजा लेने के लिए श्रीनगर से जम्मू जा रहा हूँ। जिला उपायुक्तों को आपातकालीन कार्यों के लिए अतिरिक्त फंड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।” केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात कर स्थिति की जानकारी ली और केंद्र की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रशासन को घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा प्रदान करने और स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं।
प्रशासनिक उपाय और चेतावनी
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मौसम की स्थिति को ध्यान में रखकर ही यात्रा करें और सुरक्षा निर्देशों का पालन करें। जम्मू में सभी सरकारी और निजी स्कूल 27 अगस्त को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे और कई अन्य राजमार्गों पर यातायात ठप है, और तीन पुल क्षतिग्रस्त होने की खबर है। प्रशासन ने लोगों से नदियों, नालों और पहाड़ी ढलानों से दूर रहने की सलाह दी है।
यह हादसा हाल के वर्षों में वैष्णो देवी मार्ग पर हुए भूस्खलनों की कड़ी में एक और दुखद घटना है। पिछले साल 2 सितंबर 2024 को पंची के पास हुए भूस्खलन में दो महिला तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी। प्रशासन और श्राइन बोर्ड की ओर से स्थिति को नियंत्रित करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है।

 

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