न्यू नोएडा को विकसित करने के लिए अब प्राधिकरणों ने तैयारी कर ली है। दादरी से खुर्जा के बीच 80 गांव की जमीन पर न्यू नोएडा बसाया जाएगा। अब किसानों से जमीन लेने की दरें जल्द तय होंगी। ये फैसला नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में लिया जाएगा।
कैसे होगी जमीन की दरें तय
दरअसल, फरवरी में होने वाली बोर्ड बैठक में गौतमबुद्ध नगर के साथ ही बुलंदशहर के डीएम को भी बतौर सदस्य बुलाया जाएगा। नोएडा प्राधिकरण ने ग्रेनो व बुलंदशहर प्राधिकरण, दोनों जिलों के प्रशासन से जमीन की दरें मंगाई है। अब न्यू नोएडा में क्या दरें रखी जाएं इसके लिए प्राधिकरण की समिति अध्ययन कर प्रस्ताव तैयार कर रही है। यह प्रस्ताव बोर्ड में रखा जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि बोर्ड से जोड दरें तय होंगी उन पर किसानों से जमीन बुलंदशहर व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की दरें मंगवाई गई ळउ ली जाएगी। न्यू नोएडा में जमीन अधिग्रहण की शुरुआत सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र के पास जोखाबाद और सांवली गांव के सामने से करने की तैयारी है। पहले चरण के लिए चिह्नित किए गए क्षेत्र में ग्रेटर नोएडा का भी हिस्सा आता है।
अधिकारी कर चुके है कई बार दौरा
न्यू नोएडा के लिए प्राधिकरण के अधिकारी कई बार दौरा कर चुके हैं। नोएडा, ग्रेनो और बुलंदशहर की जमीन दरों में अंतर है। बुलंदशहर की जो जमीन दरें हैं उन पर स्थानीय किसान जमीन देने के लिए तैयार नहीं हैं। इसलिए न्यू नोएडा के लिए अलग से जमीन दरें तय करने का निर्णय लिया गया है। प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया, शुरुआत के लिए अस्थाई दफ्तर की जमीन देखी गई है। करीब 10 हजार वर्ग मीटर जमीन दफ्तर के लिए सबसे पहले ली जाएगी। वहीं प्लॉट निकालने और विकास के लिए जमीन लेने की शुरुआत ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे और जीटी रोड दोनों अलग ही रहे हैं वहां से होगी। इस हिस्से के मास्टर प्लान में औद्योगिक के साथ ही संस्थागत उपयोग की भी है। लेकिन संस्थागत जमीन पर अभी प्लांट नहीं निकाले जाएंगे। न्यू नोएडा को चार चरण में बसाया जाना है। पहले चरण में 3165 हेक्टेयर जमीन पर विकास कार्य वर्ष 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है।